बिहार के वैशाली जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) ने गरीब परिवारों के जीवन में नई उम्मीद की किरण जगाई है। इस योजना के तहत पक्के मकान का सपना अब हकीकत में बदल रहा है, जिससे जंदाहा जैसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है।
रोजमर्रा की मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले मिंटू सहनी ने इस योजना के माध्यम से अपने लिए स्थायी आशियाना बनाने का सपना पूरा किया है। जंदाहा प्रखंड के रहने वाले मिंटू सहनी ने बताया कि हम वर्षों से मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते आ रहे हैं। हमारी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि पक्का मकान बनाना हमारे लिए एक दूर का सपना था।
मिंटू ने कहा, “रोज कमाते थे, रोज खाते थे। झोपड़ी जैसे मकान में बच्चों के साथ रहना पड़ता था। बारिश के मौसम में छत टपकने की वजह से परिवार को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना ने हमें नया जीवन दिया है। योजना के तहत मिली आर्थिक सहायता से हम पक्का मकान बना रहे हैं। अब न बारिश की चिंता है, न बच्चों की सुरक्षा की। अब पक्का मकान बनने से बच्चों को पढ़ाई और रहने के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। यह योजना हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”
मिंटू सहनी की कहानी वैशाली जिले के उन सैकड़ों परिवारों की कहानी है, जिन्हें इस योजना ने न केवल आश्रय दिया, बल्कि एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल वैशाली के गरीब परिवारों को आश्रय प्रदान किया है, बल्कि उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है।
वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड में इस योजना का व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के अनुसार जिले में अब तक हजारों परिवारों को इस योजना का लाभ मिल चुका है, और कई अन्य परिवारों के मकान निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
पीएमएवाई के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना में उन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है।
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