पणजी, 13 जनवरी । कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसियों ने राज्य में बेरोजगारी को लेकर गोवा सरकार को बेनकाब कर दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत वास्तविकता को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और केवल वोट हासिल करने के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं।
गोवा के एआईसीसी मीडिया प्रभारी हर्षद शर्मा ने कांग्रेस कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान युवाओं को रोजगार देने के मुद्दे पर बार-बार झूठे वादे करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की।
शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत यह मानने को तैयार नहीं हैं कि राज्य में बेरोजगारी है। उन्होंने कहा, “इस समस्या का समाधान कैसे होगा, जब वह समस्या को स्वीकार करने के लिए ही तैयार नहीं हैं। बेरोजगारी से युवा परेशान हैं। यह असंवेदनशील सरकार नौकरियां पैदा करने में विफल रही है।”
गृह मंत्री अमित शाह पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए शर्मा ने कहा कि वह (शाह) हमेशा घटनाओं के कालक्रम के बारे में बात करते हैं। मैं उन्हें (शाह को) सिलसिलेवार बताना चाहूंगा कि गोवा किस तरह बेरोजगारी से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा, “नवंबर 2022 में नीति आयोग ने कहा कि गोवा की बेरोजगारी दर 10.5 प्रतिशत थी, जो देश में तीसरी सबसे अधिक थी। फिर सितंबर 2023 में सावंत ने कहा कि राज्य में कोई बेरोजगारी नहीं है। वह नीति आयोग की रिपोर्ट को भी नहीं मान रहे हैं। कम से कम 1.10 लाख युवा बेरोजगार हैं।”
शर्मा ने कहा कि उसी महीने, सीएमआईई ने कहा कि गोवा की बेरोजगारी दर 13.7 प्रतिशत थी, जबकि राष्ट्रीय औसत सात प्रतिशत था।
शर्मा ने कहा, “फिर अक्टूबर 2023 में सांख्यिकी मंत्रालय ने खुलासा किया कि गोवा बेरोजगारी में दूसरे स्थान पर था। इससे सावंत का झूठ उजागर हो गया। नवंबर 2023 में आरबीआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि ग्रामीण बेरोजगारी में गोवा शीर्ष स्थान पर है। ये रिपोर्ट कांग्रेस ने नहीं बल्कि केंद्र सरकार की एजेंसियों ने तैयार की है। क्या वे झूठ बोल रहे हैं, सावंत को इस बारे में सफाई देनी चाहिए और सभी को बताना चाहिए कि क्या केंद्र सरकार झूठ फैला रही है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि पार्टी के नेता अपने मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं।
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