August 24, 2025
National

सरकार एफटीए वार्ता में राष्ट्रीय हित को दे रही प्राथमिकता : पीयूष गोयल

Government giving priority to national interest in FTA talks: Piyush Goyal

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के लिए व्यापार वार्ता में सरकार का दृष्टिकोण राष्ट्रीय हित और भारतीय उद्योग की प्राथमिकताओं से निर्देशित होगा।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने एक मीडिया कार्यक्रम में कहा, “मेरा हमेशा से एक स्पष्ट दृष्टिकोण रहा है। जब हम व्यापार समझौते करते हैं तो मुझे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी होती है। अब हम आमतौर पर विभिन्न देशों के साथ बातचीत शुरू करने से पहले ही पूर्व-समझौते के साथ काम करते हैं। आप मेरी संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं, मैं आपकी संवेदनशीलता का सम्मान करता हूं। दुनिया के हर देश में चिंता के कुछ क्षेत्र हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा है और तीन-चार और व्यापार समझौतों पर बातचीत में तेजी ला रहा है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “यूरोपीय संघ के भी कुछ क्षेत्र हैं, जो उनके लिए बेहद संवेदनशील हैं। हम इसका सम्मान करते हैं। जैसे वे हमारे क्षेत्र का सम्मान करते हैं और इसलिए, मुझे लगता है कि व्यापार के मोर्चे पर समझौता करना मुश्किल नहीं होगा।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत पूरी स्थिति को यथार्थवादी दृष्टिकोण से देख रहा है, लेकिन उन व्यापारिक साझेदारों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है, जिनके साथ हमारे पारदर्शी संबंध हो सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने आसियान मुक्त व्यापार समझौते पर घरेलू उद्योग की चिंताओं को ध्यान में रखा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “हम बहुत चिंतित हैं क्योंकि घरेलू उद्योग ने हमें नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। पिछली सरकार ने समझौते पर बहुत खराब तरीके से बातचीत की थी।”

उन्होंने ने हितधारकों को आश्वासन दिया कि व्यापार स्वतंत्र रूप से चलेगा, लेकिन संतुलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिभागियों से कहा, “हो सकता है कि हम 100 प्रतिशत प्रदर्शन न कर पाएं, लेकिन मांग तो करनी ही होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि श्रम-प्रधान उद्योगों को समर्थन मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अमेरिका के साथ भारत के संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत में संभावनाओं की भरमार है।”

सरकार ने इससे पहले संसदीय स्थायी समिति के साथ एक बैठक में कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध बहुस्तरीय हैं और व्यापार इस बेहद महत्वपूर्ण रिश्ते का केवल एक पहलू है, जो भू-राजनीतिक और रणनीतिक पहलुओं पर भी आधारित है।

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