राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2025 (चरण-II) शुरू की है, जो करदाताओं को मूल्य वर्धित कर, केंद्रीय बिक्री कर, प्रवेश कर, मनोरंजन कर और विलासिता कर से संबंधित लंबित बकाया और मामलों के एकमुश्त निपटान का अवसर प्रदान करती है। 1 सितंबर से शुरू हुई यह योजना 30 नवंबर तक जारी रहेगी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना और माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की शुरूआत के बाद सम्मिलित अधिनियमों के तहत लंबे समय से लंबित मामलों से राजस्व प्राप्त करना है। सद्भावना योजना के चरण-II में 2020-21 तक पेट्रोलियम उत्पादों से संबंधित मामलों को भी शामिल किया जाएगा, जो गैर-समाहित अधिनियमों के तहत लंबित मामलों को कम करने में महत्वपूर्ण रूप से मदद करेगा।
आबकारी एवं कराधान विभाग ने सभी बकायादारों से आग्रह किया है कि वे अपने लंबित मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के अवसर का लाभ उठाएँ और राज्य के राजस्व को मज़बूत करने में योगदान दें। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में विभिन्न समाहित और गैर-समाहित अधिनियमों के अंतर्गत लगभग 30,000 मामले लंबित हैं और योजना के दूसरे चरण के तहत सरकारी खजाने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये की वसूली होने की संभावना है।