ई-कॉमर्स में डार्क पैटर्न से निपटने के लिए सरकार ठोस योजना बनाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “जागो ग्राहक जागो के चल रहे प्रयासों पर चर्चा की गई और भ्रामक ऑनलाइन प्रथाओं पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता संरक्षण ढांचे को मजबूत करने के लिए नियामक उपायों पर चर्चा की गई।”
सरकार डिजिटल कॉमर्स में डार्क पैटर्न को लेकर बढ़ती चिंता का भी समाधान कर रही है। सरकार द्वारा सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को उपभोक्ता संरक्षण के अनुपालन के लिए डार्क पैटर्न का विश्लेषण और समाप्त करने के लिए स्व-ऑडिट करने का निर्देश दिया है।
जोशी ने जिम्मेदार उद्योग व्यवहार के महत्व पर जोर दिया और कहा कि डार्क पैटर्न पर दिशानिर्देश प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों और उद्योग संघों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ गहन विचार-विमर्श का परिणाम थे।
आपसी सहमति बनने के बाद, मंत्री ने सभी कंपनियों से अब दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करने और उन्हें अपने आंतरिक शासन और उपभोक्ता संरक्षण तंत्र में शामिल करने का आग्रह किया।
नई दिल्ली एक उच्च-स्तरीय हितधारक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जोशी ने कहा, “आज के उपभोक्ता सतर्क, जागरूक और अपने अधिकारों के प्रति तेज़ी से जागरूक हो रहे हैं – वे धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने यह बैठक बुलाई, जिसमें प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों, उद्योग संघों, स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन भ्रामक प्रथाओं को समाप्त करने पर केंद्रित चर्चा की।
बैठक में हाल के घटनाक्रमों पर प्रकाश डालते हुए, जोशी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर डार्क पैटर्न से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, “कंपनियों को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के हस्तक्षेप का इंतजार नहीं करना चाहिए। उन्हें नोटिस जारी होने से पहले ही इन भ्रामक प्रथाओं को सक्रिय रूप से पहचानकर उन्हें हटाना चाहिए। यह केवल नियामक अनुपालन नहीं हैय़ यह आपके उपभोक्ताओं के साथ विश्वास बनाने के बारे में है।”