उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज कहा कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति द्वारा सिफारिशें प्रस्तुत किए जाने के पश्चात सभी पात्र उम्मीदवारों को अनुकंपा के आधार पर नौकरियां प्रदान की जाएंगी।
वह विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती और बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी द्वारा संयुक्त रूप से पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
अग्निहोत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने सभी पात्र उम्मीदवारों को जल्द से जल्द अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “फिलहाल सरकार के पास अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए 1,839 मामले लंबित हैं। विपक्ष यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि हम अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं देना चाहते हैं, जो पूरी तरह से गलत है।”
रोहित ठाकुर ने कहा कि उप-समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं और वह 15 अप्रैल तक अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और खेल मंत्री यादविंदर गोमा उप-समिति के सदस्य हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों में अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए 2,524 मामले खारिज कर दिए गए हैं, क्योंकि आय, भले ही वह पेंशन हो, को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा, “कैबिनेट उप-समिति द्वारा अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के बाद सरकार अपनाए जाने वाले मानदंडों पर अंतिम निर्णय लेगी।”
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और नैना देवी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि अधिकतर मामले निर्धारित सीमा से अधिक आय के कारण खारिज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अपवादस्वरूप मामलों में आय सीमा माफ करने का प्रावधान है। नई नौकरियाँ नहीं दी जा रही हैं, इसलिए कृपया आय सीमा में छूट दी जाए, क्योंकि कर्मचारी की मृत्यु पर परिवार को मिलने वाली पेंशन आय में जोड़ी जा रही है।
जय राम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के परिवारों को अधिकतम नौकरियां दी हैं तथा उन कर्मचारियों के परिवारों को भी नौकरी देने का निर्णय लिया है, जिनकी मृत्यु के समय आयु 50 वर्ष से अधिक थी।
मनाली विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल पर अग्निहोत्री ने सदन को बताया कि राज्य सरकार द्वारा लगाए गए दूध उपकर और पर्यावरण उपकर से ज्यादा राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए उपकर लगाया गया था। इन उपकरों के कारण आम लोगों पर कोई बोझ नहीं पड़ता। अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसे बिजली का बिल बढ़ा हुआ मिला है, तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है।”
अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 1,555 करोड़ रुपये और बिजली उपभोक्ताओं तथा होटल व्यवसायियों को सब्सिडी देने के लिए 44.04 करोड़ रुपये दिए हैं। गौर ने कहा कि हालांकि मनाली में अधिकांश होटल सर्दियों के दौरान बंद रहे, लेकिन उन्हें भारी बिजली बिल जारी किए गए। इससे होटल उद्योग अव्यवहारिक हो सकता है।
जय राम ने कहा कि सभी उद्योगों, स्टोन क्रशर, चार्जिंग स्टेशन और होटलों पर उपकर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम होटल व्यवसायियों को छूट देनी चाहिए।
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