इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने शुक्रवार को आधार कार्ड के संदर्भ में एक अडवाइज़री जारी की थी उसमें लोगों को सलाह दी गई थी कि वे अपने आधार की फोटोकॉपी किसी भी संगठन के साथ साझा न करें क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है। प्रारंभिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि, “बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं जैसे होटल या फिल्म हॉल को आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र करने या रखने की अनुमति नहीं है।” यह भी कहा गया था कि ” कृपया E-Aadhaar डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे/कियोस्क में सार्वजनिक कंप्यूटर का उपयोग करने से बचें। हालांकि, यदि आप ऐसा करते हैं, कृपया सुनिश्चित करें कि आपने उस कंप्यूटर से E-Aadhaar की सभी डाउनलोड की गई प्रतियों को स्थायी रूप से हटा दिया है। वैकल्पिक रूप से, कृपया एक Masked Adhaar का उपयोग करें जो आपके आधार के केवल अंतिम 4 अंक प्रदर्शित करता है।”
लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपनी विज्ञाप्ति अडवाइज़री को वापिस लिया है। इस विषय में अपने तर्क में उन्होंने कहा कि ”पुल-बैक का निर्णय इस संभावना से प्रेरित था कि इसके पहले के बयान का ‘गलत अर्थ’ निकाला जा सकता है।”
आधार कार्ड का प्रयोग करते हुए सामान्य विवेक का इस्तेमाल करें उपभोगता
अब मंत्रालय ने उपभोग्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा है कि – “भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के आधार पारिस्थितिकी तंत्र में उपयोगकर्ताओं की पहचान और गोपनीयता की रक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं और उपयोगकर्ताओं को केवल “सामान्य विवेक” का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।”