विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने आज बेरोजगारी के मुद्दे से निपटने के तरीके और हाल ही में विकलांग छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की निंदा की।
यहां जारी एक प्रेस बयान में ठाकुर ने वर्तमान प्रशासन को “ऐसी सरकार बताया जो नौकरियां देने के बजाय छीन लेती है”, उन्होंने बिजली बोर्ड से 80 से अधिक ड्राइवरों की बर्खास्तगी और 51 इंजीनियरिंग पदों को रद्द करने का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार के मितव्ययिता उपायों के कारण छंटनी हुई है तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी हुई है, जिससे कई परिवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्रियों की असंवेदनशीलता की आलोचना की। उन्होंने कहा, “वे उन लोगों के संघर्षों के प्रति उदासीन हैं जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।”
ठाकुर ने कहा कि मौजूदा प्रशासन की व्यवस्थागत बदलाव की कहानी भ्रामक है, उनका तर्क है कि वास्तविकता व्यवस्थागत गिरावट को दर्शाती है। उन्होंने राज्य में निवेश के नकारात्मक माहौल पर चिंता व्यक्त की और दावा किया कि मौजूदा उद्योग सरकारी नीतियों के कारण यहां से जा रहे हैं।
ठाकुर ने शिमला में मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश कर रहे विकलांग छात्रों के साथ पुलिस द्वारा किए गए हिंसक व्यवहार की निंदा की। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को “क्रूर” और सरकार की सहानुभूति की कमी का संकेत बताया।
ठाकुर ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, इससे पहले भी दिव्यांग छात्रों को इसी तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ा है, जो कमजोर समूहों के खिलाफ दमन की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करता है।