मादक पदार्थों के दुरुपयोग से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू), शिमला में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा।
यह घोषणा विश्वविद्यालय की 35वीं कोर्ट मीटिंग के दौरान की गई, जहाँ राज्यपाल ने कॉलेज स्तर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मुद्दे को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पत्र और ईमेल के माध्यम से अभिभावकों के बीच नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता भी बढ़ाएगा। यह पहल एक स्वस्थ और उत्पादक शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने के विश्वविद्यालय के प्रयासों का हिस्सा है।
बैठक के दौरान राज्यपाल ने वर्ष 2021-22 और 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट तथा वर्ष 2018-19 के वार्षिक लेखों को मंजूरी दी। उन्होंने न्यायालय की बैठक में कई सदस्यों की अनुपस्थिति पर भी चिंता व्यक्त की तथा निर्देश दिया कि उनकी नाराजगी से संबंधित व्यक्तियों को अवगत कराया जाए।
राज्यपाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नवाचार और नैतिक मूल्यों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय न्यायालय की प्राथमिक जिम्मेदारी संस्थान के लिए व्यापक नीतियां और कार्यक्रम निर्धारित करना है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को समयबद्ध तरीके से वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और वार्षिक लेखा तैयार करने के निर्देश भी दिए।
राज्यपाल ने सभी से समर्पण, अनुशासन और नवाचार की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हमारी शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा करने में सक्षम नागरिकों का पोषण करना होना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से हमें आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना चाहिए।”