January 17, 2025
Uttar Pradesh

अखाड़ों में अमृत स्नान की हो रही दिव्य-भव्य तैयारी, ढोल-नगाड़ों के साथ निकलेगी शोभा यात्रा

Grand preparations are being made for the Amrit Snan in the Akharas, a procession will be taken out with drums and drums.

महाकुंभ नगर, 14 जनवरी । संगम नगरी प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व महाकुंभ का दिव्य भव्य शुभारंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हो गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर विधि-विधान से होगा।

महाकुंभ के पहले अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर अखाड़ों में तैयारियां पूरे जोश और उत्साह के साथ हो रही हैं। अखाड़ों के अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों, महंत और अन्य पदाधिकारियों के रथ, हाथी, घोड़ों की साज-सज्जा की जा रही है। नागा साधु-संन्यासी धूनी रमा कर, अपने अस्त्र-शस्त्र, ध्वजा, ढोल-नगाड़े, डमरू लेकर अमृत स्नान की शोभा यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।

महाकुंभ के अमृत स्नान का सनातन आस्था में विशेष महत्व है। अनादि काल से साधु, संन्यासियों और श्रद्धालुओं की महाकुंभ के अमृत काल में संगम स्नान करने की परंपरा रही है। आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से बने अखाड़े महाकुंभ में दिव्य शोभा यात्रा के साथ अमृत स्नान करते हैं। मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति के पर्व पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान होता है।

परंपरा के अनुसार, सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से अमृत स्नान करते हैं। अमृत स्नान की पूर्व संध्या पर सभी अखाड़ों में तैयारियां की जा रही है। अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूलों और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है। किसी रथ पर भगवान शिव का अलंकरण है तो किसी पर मोर और भगवान गणेश का। साथी बैंड-बाजे भी अपने-अपने वाद्य यंत्रों के साथ तैयारियां कर रहे हैं।

महाकुंभ के अमृत स्नान में अखाड़ों के साधु-संन्यासी परंपरा अनुसार प्रातः काल दिव्य शोभा यात्रा लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे, लेकिन अमृत स्नान की शोभा यात्रा निकलने का क्रम रात्रि से ही शुरू हो जाएगा। अखाड़ों के नागा संन्यासी अपने तन पर भस्म रमा कर, अपनी जटा-जूट का श्रृंगार कर धर्म ध्वजा, तीर-तलवार, भाले, ढोल-नगाड़े लेकर इष्ट देव के जयकारे लगाते हुए संगम की ओर चलेंगे। सबसे पहले अखाड़ों में इष्ट देव का मंत्रोच्चार से पूजन किया जाएगा। इसके बाद स्नान विधि पूजन कर, अखाड़ों के पदाधिकारी अपने-अपने क्रम से रथों, हाथी, घोड़ों पर सवार होकर जयकारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़ेंगे।

मेला प्रशासन ने भी पहले अमृत स्नान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अखाड़ों के आने का क्रम, उनका मार्ग, स्नान का घाट और समय आदि निर्धारित कर दिया गया है। अखाड़ों के मार्ग में बैरिकेड लगा दिए गए हैं ताकि किसी तरह की भगदड़ न होने पाए। मेला क्षेत्र के सभी थानों और पुलिस कर्मियों को दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वॉच टॉवर और आईसीसी कंट्रोल रूम से अमृत स्नान की शोभा यात्रा की निगरानी करेंगे। सीएम योगी के निर्देशों के मुताबिक, मेला प्रशासन अमृत स्नान काल में साधु-संन्यासियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाएगा।

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