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सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बिना दिल्ली में ग्रैप-4 को नहीं हटाया जा सकता, प्रदूषण फैलने के कई फैक्टर

Grape-4 cannot be removed in Delhi without the permission of the Supreme Court, there are many factors responsible for the spread of pollution.

करनाल, 19 नवंबर । केंद्रीय ऊर्जा, आवासीय एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को करनाल में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों और योजनाओं के जिला स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान मनोहर लाल ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 को लागू किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बिना ग्रैप-4 को नहीं हटाया जा सकता। प्रदूषण फैलने के कई फैक्टर हैं। बार-बार पराली जलाने को लेकर कहा जाता है, लेकिन पराली जलाने का भी योगदान होता है। इसमें कंस्ट्रक्शन, वाहन और ट्रांसपोर्टेशन समेत कारण होते हैं।

प्रदूषण को समाप्त करने के केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है। दोषारोपण का कोई भी फायदा नहीं है। हरियाणा सरकार ने अपने आप में अभूतपूर्व काम किया है। पंजाब सरकार भी काम कर रही होगी। वहां पराली जलाने के मामले थोड़ा ज्यादा मिलते हैं। एक दूसरे को दोष देना अच्छी बात नहीं है।

मनोहर लाल ने कहा पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बयान दिया था कि हमारे यहां पराली जलने के बहुत कम मामले है, लेकिन 15 सितंबर से 18 नवंबर तक का जो डाटा हमारे पास है उसके अनुसार, हरियाणा में मात्र 1118 मामले पराली जलाने के मिले हैं, वही पंजाब में 9600 मामले सामने आए हैं। यानी पंजाब में 8 गुना से भी अधिक पराली जलाने के केस सामने आए हैं। इस तरह वहां पराली जलाने के मामले नहीं होने चाहिए। इस तरह की कठिनाई आती है तो सबको इसे मिलकर ठीक करना चाहिए, प्रदूषण केवल यहां का विषय नहीं है, कई जगह प्रदूषण की समस्या है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदूषण केवल यहां का विषय नहीं है। दिल्ली, लखनऊ, लुधियाना अन्य स्थानों पर भी प्रदूषण है। बांग्लादेश में दिल्ली के बराबर और ऐसे ही पाकिस्तान के लाहौर में 1500 एक्यूआई का आंकड़ा छू गया है।

छह दिसंबर को किसानों के बिना वाहन के दिल्ली जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण किसी भी प्रकार का प्रदर्शन करना हर किसी का मौलिक अधिकार है। प्रदर्शन हिंसात्मक नहीं होना चाहिए।

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