ग्रेटर नोएडा, 7 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में किसान आंदोलन को लेकर गांव अट्टा गुजरान में संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को एक आपातकालीन बैठक हुई। इसमें भारतीय किसान यूनियन टिकैत, जय जवान जय किसान, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, सिस्टम सुधार संगठन, भारतीय किसान एकता, किसान एकता महासंघ, भारतीय किसान परिषद और भारतीय किसान यूनियन (भानू) समेत कुल 30 संगठनों ने हिस्सा लिया।
इस बैठक में निर्णय लिया गया की पुलिस की बर्बरता तथा भय के माहौल को तुरंत समाप्त किया जाए। साथ ही सरकार से जेल बंद किसान और किसान नेताओं को तुरंत बिना शर्त रिहा करने और एक सद्भावपूर्ण माहौल तैयार करने की अपील की गई ताकि वार्ता और संवाद का माहौल तैयार हो सके। किसानों ने कहा कि धरना-प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रखना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। इस बैठक के जरिए ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर के नीचे सभी किसान संगठन एकजुट हैं और उनमें कोई मनमुटाव नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के जरिए बताया है कि संगठन पहले की तरह आज भी एकजुट है और इस घटनाक्रम के बाद और ज्यादा मजबूत हुआ है तथा अपना हक लेने के लिए तत्पर है।
बैठक में कहा गया कि शासन प्रशासन और सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक निर्णय न लिए जाने की स्थिति में संयुक्त किसान मोर्चा दोबारा कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए विवश होगा।
गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन की तरफ से कहा गया था कि कुछ किसान संगठन हैं जो आंदोलन में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित किया गया है। इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा था कि आंदोलन में दो गुट बन गए हैं। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि आंदोलन पूरी तरह से अब खत्म होने की कगार पर है।
Leave feedback about this