N1Live National जीएसटी कटौती से महंगाई में राहत, सीपीआई मुद्रास्फीति 0.35 प्रतिशत घटने की उम्मीद : रिपोर्ट
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जीएसटी कटौती से महंगाई में राहत, सीपीआई मुद्रास्फीति 0.35 प्रतिशत घटने की उम्मीद : रिपोर्ट

GST cut brings relief to inflation, CPI inflation expected to fall by 0.35 per cent: Report

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कटौती की वजह से देश में महंगाई में अच्छी-खासी कमी आने की संभावना है। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई करीब 0.35 प्रतिशत (35 आधार अंक) तक कम हो सकती है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में यह गिरावट मुख्य रूप से कम खाद्य कीमतों और टैक्स राहत की वजह से होगी।

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अच्छी खरीफ फसल, रबी की मजबूत बुवाई, जलाशयों में पर्याप्त पानी और मिट्टी में नमी के चलते खाद्य महंगाई लगातार कम बनी हुई है। इसी वजह से एसबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया है, जबकि वित्त वर्ष 2026-27 के लिए यह 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान भी पहले के मुकाबले 100 आधार अंक कम कर 3.9 प्रतिशत कर दिया गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी महंगाई को लेकर अपना अनुमान घटाया है। आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई अनुमान 2 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में 2.6 प्रतिशत और फरवरी में 4.2 प्रतिशत था। केंद्रीय बैंक का मानना है कि ब्याज दरों में आगे का बदलाव आर्थिक आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा, लेकिन संकेत यही हैं कि रेपो रेट 5.25 प्रतिशत के आसपास लंबे समय तक बना रह सकता है।

वहीं क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में औसतन सीपीआई महंगाई 2.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। जीएसटी दरों में कटौती का फायदा रोजमर्रा की खपत वाली चीजों पर पड़ा है, जिससे सोने को छोड़कर कोर महंगाई में कमी आई है। खासतौर पर पैकेज्ड फूड, नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स, स्नैक्स और तैयार खाद्य पदार्थों की कीमतों पर इसका सकारात्मक असर दिखा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई का असर अलग-अलग आय वर्गों पर अलग तरीके से पड़ता है। गरीब और ग्रामीण परिवार अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा खाने-पीने और ईंधन पर खर्च करते हैं, इसलिए खाद्य महंगाई कम रहने से इन्हें सबसे ज्यादा राहत मिली है। आने वाले महीनों में जैसे-जैसे खाद्य वस्तुओं पर बेस इफेक्ट खत्म होगा, महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन कच्चे तेल की कम कीमतें और जीएसटी में कटौती महंगाई को नियंत्रित रखने में मदद करेंगी।

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