June 8, 2025
National

गुजरात : ‘प्रधानमंत्री मोदी से मिलना सौभाग्य की बात’, बोले कर्नल सोफिया कुरैशी के माता-पिता

Gujarat: ‘It is a matter of good fortune to meet Prime Minister Modi’, said Colonel Sofia Qureshi’s parents

गुजरात के वडोदरा में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो में शामिल होने के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी के परिवार ने खुद को सौभाग्यशाली बताया। परिजनों ने कहा कि यह हर किसी के नसीब में नहीं होता कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिले। लेकिन, यह हमारे लिए गर्व और खुशी की बात है कि हमें प्रधानमंत्री को आमने-सामने देखने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी के परिवार ने पत्रकारों से बातचीत में अपना सुखद अनुभव साझा किया।

कर्नल सोफिया की मां हलीमा कुरैशी ने प्रधानमंत्री मोदी से हुई मुलाकात को अपनी जिंदगी का अविस्मरणीय पल बताया। कहा कि प्रधानमंत्री से मिलकर हमें अच्छा लगा। उनसे मिलने के बाद हम पूरी तरह से सकारात्मक ऊर्जा से भर गए। उन्होंने हमारी हौसला अफजाई भी की।

हलीमा कुरैशी ने समाज की रूढ़िवादी मानसिकता को खारिज करते हुए बेटियों को पढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा, “हमें अपने बेटे-बेटी दोनों को पढ़ाना चाहिए। बेटे-बेटी के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं लोगों से अपील करूंगी कि वे अपनी बेटियों को भी सेना में जाने के लिए तैयार करें।”

उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर खुशी जाहिर की। कहा कि अगर निकट भविष्य में पाकिस्तान ने फिर से ऐसी हिमाकत की, तो उसे निश्चित तौर पर ऐसे ही परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में महिलाओं को अहम भूमिका दिए जाने पर कहा, “जिस तरह से दुश्मन देश ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ने का काम किया है, उसका बदला हमारी बहनों ने लिया है। यह हम सभी लोगों के लिए एक अद्भुत पल है।”

कर्नल कुरैशी के पिता ने प्रधानमंत्री मोदी से हुई मुलाकात को अपनी जिंदगी का अद्भुत पल बताया। कहा कि हम सभी लोगों को अपने राष्ट्र के लिए जागरूक होना चाहिए।

उन्होंने देश के युवाओं से राष्ट्र सेवा में शामिल होने की अपील की। कहा कि सभी युवाओं को राष्ट्र की सेवा में शामिल होना चाहिए।

उन्होंने समाज में बेटियों के हितों की उपेक्षा किए जाने को गलत बताया। बोले, “अगर हमें समाज को आगे बढ़ाना है, तो इसके लिए हमें अपनी बेटियों को आगे बढ़ाना होगा। अगर हम अपनी बेटियों को ही नहीं पढ़ाएंगे, तो ऐसी स्थिति में भारत माता के सिद्धांत का क्या मतलब रह जाएगा।”

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