आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित 28वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सूरत जिले की पलसाना ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस ज्यूरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। ग्राम पंचायत को यह अवार्ड डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने, नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने और नवाचारपूर्ण पहलों के लिए प्रदान किया गया।
22-23 सितंबर को आयोजित इस समारोह में जिला विकास अधिकारी शिवानी गोयल, नायब जिला विकास अधिकारी पीयूष पटेल, सरपंच प्रवीणभाई आहीर और तलाठी कम मंत्री पिनाक मोदी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
केंद्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से 1.45 लाख से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं, जिनमें मूल्यांकन के बाद पलसाना ग्राम पंचायत का चयन किया गया।
पलसाना ग्राम पंचायत की चयन प्रक्रिया पहले तालुका स्तर पर हुई, फिर जिला एवं राज्य स्तर पर विजेता घोषित होने के बाद गुजरात सरकार ने केंद्र को इसका नाम भेजा। केंद्र सरकार की टीम ने चयनित पंचायतों का निरीक्षण किया और अंत में 6 पंचायतों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिसमें पलसाणा भी शामिल थी।
पंचायत की उपलब्धियों में ऑनलाइन टैक्स कलेक्शन, स्वयं की वेबसाइट, 17,000 से अधिक ऑनलाइन आवेदन, सीसीटीवी कैमरा सिस्टम और ऑनलाइन शिकायत निवारण व्यवस्था जैसी पहलें शामिल थीं। इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर अंतिम चयन हुआ।
जिला विकास अधिकारी शिवानी गोयल ने कहा कि यह सम्मान पूरे सूरत जिले के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री और पंचायत विभाग के मार्गदर्शन से डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत बनाने के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। जिला प्रमुख भाविनीबेन पटेल ने कहा कि यह सम्मान सूरत जिले के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। इससे भविष्य में और भी गांव डिजिटल गवर्नेंस के मॉडल बनेंगे।
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