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गुजरात: ‘लखपति दीदी योजना’ से डांग की महिला वंदनाबेन बनीं आत्मनिर्भर

Gujarat: With the help of 'Lakhpati Didi Yojana', a woman from Dang, Vandanaben, became self-reliant. 14

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘लखपति दीदी योजना’ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है।

गुजरात सरकार ने राज्य में कई महिला-केंद्रित योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। इन पहलों का परिणाम है कि आज हजारों ग्रामीण महिलाएं न केवल अपने परिवार का सहारा बनी हैं, बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होकर समाज में मिसाल पेश कर रही हैं।

ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण गुजरात के डांग जिले के वघई क्षेत्र का है, जहां 12 महिलाओं के समूह ‘सरस्वती वनविभाग सखी मंडल’ ने सरकार की मदद से एक अनोखी पहल की है। इस समूह ने सरकारी योजना के तहत लोन लेकर ‘नाहरी’ नामक आदिवासी भोजनालय शुरू किया। यह भोजनालय न केवल स्थानीय स्वाद और संस्कृति को संजोए हुए है, बल्कि इन महिलाओं के जीवन में आर्थिक परिवर्तन का माध्यम भी बना है।

आज इस ‘नाहरी केंद्र’ में काम करने वाली सभी महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। वे आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश करते हुए न सिर्फ अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी स्वावलंबन की राह पर प्रेरित कर रही हैं।

लखपति दीदी वंदनाबेन ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान बताया कि वह ‘सरस्वती वनविभाग सखी मंडल’ से जुड़ी हैं। उन्‍होंने बताया कि हमारे समूह में 12 महिलाएं हैं। हम अपने समूह में अन्‍य महिलाओं को जोड़कर उनको काम देते हैं। हमारे यहां का डांगी खाना लोग पसंद करते हैं, जिसकी वजह से यह फेमस है। खाने में रागी की रोटी, उड़द की दाल और भुजिया सब्‍जी दी जाती है। हमें सरकार की तरफ से आसानी से लोन मिल जाता है। यहां पर रोजगार मिलने से हम अपने परिवार का अच्‍छे से पालन कर पा रहे हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।

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