फरीदाबाद, 5 जून भाजपा उम्मीदवार कृष्ण पाल गुर्जर ने आज लोकसभा सीट पर हैट्रिक बनाई, क्योंकि उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के महेंद्र प्रताप सिंह को 1,72,914 मतों के अंतर से हराया। गुर्जर को 7,88,569 वोट मिले, जबकि सिंह को 6,15,655 वोट मिले। 25,206 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे बसपा उम्मीदवार उन 22 उम्मीदवारों में शामिल थे, जिनकी जमानत जब्त हो गई। कुल 24 उम्मीदवार मैदान में थे।
आज सुबह मतगणना शुरू होने के बाद से ही गुर्जर बढ़त बनाए हुए थे। सुबह 9.35 बजे अंतर 1,760 वोट था जो शाम 6 बजे बढ़कर 1.65 लाख से अधिक हो गया। उनके प्रतिद्वंद्वी किसी भी समय बढ़त को तोड़ने में कामयाब नहीं हो सके। उनकी जीत के कारण शहर के कई हिस्सों में उनके समर्थकों ने पटाखे फोड़कर और विजय परेड निकालकर जश्न मनाया। भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय गौड़ ने कहा, “मतगणना शुरू होने के बाद से ही बड़े अंतर से जीत का स्पष्ट संकेत मिल रहा था।” फरीदाबाद, बड़खल, तिगांव, बल्लभगढ़, एनआईटी, पृथला, पलवल, होडल और हथीन विधानसभा क्षेत्रों में डाले गए मतों की गिनती सात केंद्रों पर की गई, जिनमें फरीदाबाद में छह और पलवल में एक केंद्र शामिल है।
इस बार मतदान प्रतिशत करीब 60.2 प्रतिशत रहा, जो 2019 के चुनावों से करीब पांच प्रतिशत कम था। कुल 24,30,212 पंजीकृत मतदाताओं में से कुल 14,62,831 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
कृष्ण पाल गुर्जर को 53.52 प्रतिशत वोट मिले, जबकि सिंह को सीधे मुकाबले में 41.92 प्रतिशत वोट मिले। हालांकि, विजेता के लिए यह प्रतिशत कम हुआ है, लेकिन हारने वाले उम्मीदवार के लिए 2019 के चुनावों के प्रदर्शन की तुलना में यह दोगुना हो गया है। 2019 में गुर्जर का वोट शेयर 68.76 प्रतिशत था, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी का वोट शेयर 20.70 प्रतिशत था। वह राम चंद्र बैंदा के बाद हैट्रिक बनाने वाले दूसरे भाजपा उम्मीदवार हैं, जिन्होंने 1996, 1998 और 1999 में यहां से जीत हासिल की थी।
हालांकि, इस बार 1.70 लाख वोटों के अंतर के कारण 10 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत के दावे धरे के धरे रह गए हैं। 2019 में गुर्जर ने कांग्रेस उम्मीदवार अवतार सिंह भड़ाना को 6.36 लाख वोटों के अंतर से हराया था। वे 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर पहली बार सांसद बने थे।
मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए गुर्जर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसका श्रेय दिया और दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में किए गए विकास का फल उन्हें लगातार तीसरी जीत के रूप में मिला है।
79 वर्षीय की प्रविष्टि ने प्रतियोगिता को रोचक बना दिया हरियाणा में पांच बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके 79 वर्षीय महेंद्र प्रताप सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला न केवल इसलिए दिलचस्प हो गया क्योंकि वे गुर्जर समुदाय से हैं, बल्कि उन्हें सत्ता विरोधी लहर का भी फायदा मिला। प्रचार के दौरान एक भावनात्मक पहलू भी सामने आया जब सिंह ने घोषणा की कि यह उनका आखिरी चुनाव है।
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