भाजपा नेता सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के दो स्वरूपों को सुरक्षित करने के लिए तत्काल राजनयिक हस्तक्षेप का आग्रह किया है, जो आठ महीने से कतर अधिकारियों के कब्जे में हैं।
अपने पत्र में ग्रेवाल ने कतर में सिख समुदाय की पीड़ा व्यक्त की, जहां धर्मग्रंथ को जब्त कर लिया गया और उसके साथ केस की संपत्ति जैसा व्यवहार किया गया। कतर में सिख ‘संगत’ (समुदाय) के प्रयासों के बावजूद, धर्मग्रंथों को मुक्त करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है, जिसके कारण उन्हें तत्काल कार्रवाई के लिए सरकार से सहायता की मांग करनी पड़ी
उन्होंने लिखा, ”सिख समुदाय सदमे और पीड़ा में है।” ग्रेवाल ने जयशंकर से आग्रह किया कि वे कतर सरकार से संपर्क कर ‘स्वरूपों’ की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करें और वहां गुरुद्वारों की स्थापना की वकालत करें।
ग्रेवाल ने मंत्री से यह भी अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि वहां भारतीय दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मामले को आगे बढ़ाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिख अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन कर सकें। उन्होंने कहा कि इस मामले ने दुनिया भर में सिख नेताओं और संगठनों के बीच व्यापक चिंता पैदा कर दी है, और कई लोगों ने भारत सरकार से सिख धर्मग्रंथों की पवित्रता की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया है।
Leave feedback about this