गुरुग्राम, 31 मई प्रयासों और जागरूकता अभियानों के बावजूद, शहर में साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि देखी गई है। जानकारी के अनुसार, साइबर जालसाजों ने इस साल के पहले चार महीनों में लोगों को 127 करोड़ रुपये का चूना लगाया है, जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 71.3 करोड़ रुपये था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, जालसाजों ने हजारों लोगों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देकर ठगा। पिछले चार महीनों में गुरुग्राम पुलिस ने 398 एफआईआर दर्ज कर 455 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। 2023 में इसी अवधि के दौरान 180 मामले दर्ज किए गए और 118 जालसाजों को पकड़ा गया।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, साइबर शिकायतों की जांच के बाद इस साल 23.7 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई है। पीड़ितों को यह पैसा वापस किया गया है। 2023 में पहले चार महीनों में जालसाजों से केवल 6 करोड़ रुपये ही वसूले गए।
डीसीपी (साइबर) सिद्धांत जैन ने बताया, “साइबर जालसाजों ने कई लोगों को लालच देकर करोड़ों रुपए ठगे हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस सक्रिय हुई और जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उन्हें फ्रीज कर दिया गया। इन बैंक खातों में जमा पैसे जब्त कर पीड़ितों को वापस किए गए। अगर गोल्डन ऑवर के दौरान साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की जाती है, तो बैंक खाते तुरंत फ्रीज कर दिए जाते हैं, ताकि जालसाजों तक रकम न पहुंच सके।”
पुलिस जांच में पता चला है कि गुरुग्राम में लोग जल्दी पैसा कमाने और पार्ट टाइम नौकरी के बहाने आसानी से साइबर ठगों का शिकार हो जाते हैं।
डीसीपी ने कहा, “ज्यादातर साइबर धोखाधड़ी लोगों को पार्ट-टाइम नौकरी और निवेश के ज़रिए भारी मुनाफ़े का वादा करके की जाती है। पुलिस सोशल मीडिया और जागरूकता कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों को धोखाधड़ी से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करती है। पुलिस साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए पर्चे भी बांटती है।”