गुरुग्राम, 31 मई बागवानी कचरे के उचित निपटान के लिए गुरुग्राम नगर निगम ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक बुलाई और इस संबंध में एक व्यापक योजना तैयार की। बैठक में नगर निगम ने निजी एजेंसियों से पौधों की जड़ों और तनों को निपटान के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों में ले जाने को कहा।
बाकी बचे कचरे (पत्तियों) का निपटान पार्कों में करना होगा। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि थोक कचरा पैदा करने वालों को बागवानी कचरे का निपटान खुद ही करना होगा।
नगर निगम आयुक्त नरहरि सिंह बांगर ने निवासियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) से अपील की है कि वे बागवानी से निकलने वाले कचरे को सड़कों पर न फेंके। उन्होंने कहा कि सड़कों पर कचरा फेंकने पर जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम ने कहा कि सड़कों पर सड़क और बागवानी अपशिष्ट फेंकने वालों पर प्रतिदिन 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर निगम की बागवानी शाखा को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि हर पार्क में खाद का गड्ढा हो ताकि बागवानी कचरे को वहीं संसाधित किया जा सके। बागवानी शाखा वार्ड समितियों और आरडब्ल्यूए से भी अपने-अपने पार्कों में खाद के गड्ढे बनाने के लिए कहेगी।
नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त बलप्रीत सिंह ने कहा कि बागवानी के कचरे को नियमित रूप से उठाना आवश्यक है, ताकि कचरे को जलाने की घटनाओं को रोका जा सके, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण होता है। कुछ दिन पहले सेक्टर 56 में बिजली ट्रांसफार्मर के पास फेंके गए बागवानी के कचरे में आग लग गई थी। दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और उन्होंने आग पर काबू पा लिया। पिछले एक महीने में सेक्टर 37, 51, 15, 21 और 46 में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।