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हरभजन मान: पंजाबी सिनेमा को दी नई जान, गीतों और फिल्मों से संस्कृति को बड़े पर्दे पर किया जीवंत

Harbhajan Mann: Revitalized Punjabi cinema, brought the culture to life on the big screen through songs and films

पंजाबी म्यूजिक और सिनेमा की दुनिया में कई ऐसे कलाकार हैं, जिनकी मेहनत और जुनून न केवल संगीत को, बल्कि पूरी इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाती है। ऐसे ही कलाकार हैं हरभजन मान, जिन्हें आज सिर्फ एक सफल गायक ही नहीं, बल्कि पंजाबी सिनेमा को फिर से लोकप्रिय बनाने वाला चेहरा भी माना जाता है।

उनके गीतों ने लोगों के दिलों को छुआ और उनकी फिल्मों ने पंजाब के कलाकारों और कहानियों को बड़े पर्दे पर जीवित किया।

हरभजन मान का जन्म 30 दिसंबर 1965 को पंजाब के बठिंडा जिले के खेमुआना गांव में हुआ। वे एक साधारण परिवार से आते थे, लेकिन संगीत उनके जीवन का हिस्सा था। बचपन से ही उनकी रुचि गायिकी में थी और उन्होंने अपने स्कूल के कार्यक्रमों और गांव के आयोजनों में गाना शुरू किया। 1980 में उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत की। शुरुआती दौर में वह केवल छोटे स्टेज शो और लोकल कार्यक्रमों तक ही सीमित थे, लेकिन उनका सपना बड़ा था।

1992 में हरभजन मान ने अपने करियर की शुरुआत पेशेवर तौर पर ‘चिट्ठियां नीं चिट्ठियां’ एल्बम से की, लेकिन असली पहचान उन्हें 1999 में उनके एल्बम ‘ओए होए’ से मिली। इस एल्बम ने रातों-रात हरभजन मान को पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री का स्टार बना दिया। इसके बाद उन्होंने कई हिट गाने दिए, जिसमें ‘जग जयोदया दे मेले’, ‘सतरंगी पींघ’ और ‘मौज मस्तियां’ शामिल है। गानों में उनकी आवाज की मिठास और ऊर्जा दोनों ही लोगों को काफी पसंद आई।

हरभजन मान ने केवल गाने ही नहीं गाए, बल्कि फिल्मों में भी कदम रखा। 2002 में उन्होंने पंजाबी फिल्म ‘जी आयां नूं’ से एक्टिंग की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने ‘असां नूं मान वतना दा’, ‘दिल अपणा पंजाबी’, ‘मिट्टी वाजां मारदी’, ‘मेरा पिंड-माई होम’, ‘जग जयोदया दे मेले’ और ‘हीर-रांझा’ जैसी कई शानदार फिल्मों में अभिनय किया। इन फिल्मों ने भारत और विदेशों में रहने वाले पंजाबी दर्शकों में भी नया उत्साह पैदा किया। उनकी फिल्मों में हमेशा पंजाबी संस्कृति की झलक होती थी। यही वजह है कि उन्हें पंजाबी सिनेमा के रिवाइवल का चेहरा कहा जाता है।

उनकी फिल्मों और गानों को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगातार प्रयास से न केवल संगीत में बल्कि सिनेमा में भी पहचान बनाई। उनके प्रयासों की वजह से कई नए कलाकारों को मंच मिला और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री लोकप्रिय बनी।

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