देशव्यापी कैच द रेन 2024 अभियान के तहत सिरमौर जिले में ग्रामीण विकास विभाग ने 3,672 पेयजल और सिंचाई योजनाओं को लागू करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इनमें से 2,157 परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जबकि शेष 1,515 वर्तमान में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
उपायुक्त सुमित खिमटा ने अभियान की प्रगति का आकलन करने के लिए डीसी कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत अब तक कुल 27 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इन पैसों का इस्तेमाल चेक डैम, तालाब, पानी की टंकियों, छतों पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं के निर्माण, कुओं और बावड़ियों को रिचार्ज करने, सोखने के गड्ढे बनाने और पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए किया गया है। इसके अलावा, जल संरक्षण, वृक्षारोपण अभियान और कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने वाली पहलों पर जागरूकता शिविर भी चलाए गए हैं।
टिकाऊ जल प्रबंधन पर जोर देते हुए डीसी ने निर्देश दिया कि सभी नई इमारतों में छत पर वर्षा जल संचयन प्रणाली अनिवार्य रूप से शामिल होनी चाहिए। उन्होंने नगर परिषद को सभी जल स्रोतों का उचित रखरखाव, सफाई और क्लोरीनीकरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
अभियान के आदर्श वाक्य “नारी शक्ति से जल शक्ति” के अनुरूप, उन्होंने महिलाओं और समुदाय के सदस्यों के बीच जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालने वाले जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।
इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों को आगामी ग्राम सभा बैठकों में जल संरक्षण को मुख्य एजेंडा बनाने का निर्देश दिया, ताकि जल संसाधनों के संरक्षण में जन प्रतिनिधियों और नागरिकों दोनों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके।
युवाओं की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जिले के 266 सरकारी स्कूलों में सक्रिय इको-क्लब हैं, जिन्हें स्वच्छ, हरित वातावरण को बढ़ावा देने के लिए जल संरक्षण गतिविधियों और वृक्षारोपण अभियान चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डीसी ने यह भी बताया कि मृदा संरक्षण विभाग ने जिले भर में 32 जल भंडारण टैंकों का निर्माण किया है, जिसके लाभार्थियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देते हुए उन्होंने कृषि विभाग से किसानों को प्राकृतिक कृषि पद्धतियां अपनाने तथा मोटा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
अंत में, उन्होंने जल शक्ति, ग्रामीण विकास, बागवानी और कृषि विभागों के अधिकारियों को बेहतर पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी के लिए कैच द रेन अभियान के तहत सभी योजनाओं की जियो-टैगिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
यह अभियान पूरे जिले में जल संसाधनों को मजबूत करने तथा संरक्षण के लिए समग्र, समुदाय-संचालित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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