July 3, 2025
Haryana

हरियाणा: रजिस्ट्री घोटाले में कार्रवाई शुरू, 100 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

Haryana: Action started in registry scam, chargesheet filed against more than 100 officials

हरियाणा सरकार एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यकाल के दौरान सामने आए बड़े पैमाने पर रजिस्ट्री घोटाले के संबंध में जिला राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सहित 100 से अधिक राजस्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर सकती है।

कथित उल्लंघन जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना बिक्री और पट्टा विलेखों के अनधिकृत पंजीकरण से जुड़े हैं, जो हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 7-ए के तहत एक आवश्यकता है। इस धारा का उद्देश्य अनधिकृत कॉलोनियों और बेतरतीब विकास पर अंकुश लगाना है।

जून 2020 में प्रारंभिक कार्रवाई की गई, जब गुरुग्राम जिले के तीन उप-पंजीयकों और पांच संयुक्त उप-पंजीयकों को आरोप-पत्र सौंपा गया। इसके बाद, छह एफआईआर भी दर्ज की गईं। प्रारंभिक जांच के आधार पर, राज्य सरकार ने सभी संभागीय आयुक्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में उल्लंघनों की जांच करने का निर्देश दिया।

संभागीय आयुक्तों की रिपोर्ट में व्यापक अनियमितताएं उजागर हुईं, जहां कई उप-पंजीयकों और संयुक्त उप-पंजीयकों ने, विशेष रूप से अधिसूचित क्षेत्रों में, बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए ही भूमि दस्तावेजों का पंजीकरण कर दिया था।

15 मार्च, 2022 को दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा विधानसभा को बताया कि 4 मार्च, 2017 से 13 अगस्त, 2021 के बीच पंजीकृत 64,577 संपत्ति विलेखों में उल्लंघन पाया गया। इनमें से 21,716 गुरुग्राम डिवीजन में, 18,358 फरीदाबाद में, 10,849 रोहतक में, 9,774 करनाल में, 2,864 अंबाला में और 1,016 हिसार में थे। इनमें से 8,182 विलेख करनाल जिले से संबंधित थे और 14,873 विलेख गुरुग्राम जिले से संबंधित थे।

सरकार ने शुरू में 133 उप-रजिस्ट्रारों और 97 संयुक्त उप-रजिस्ट्रारों से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन अनुशासनात्मक कार्यवाही रोक दी गई थी।

चौटाला ने यह भी बताया कि 156 पंजीकरण क्लर्कों और 381 पटवारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया गया था, जो दस्तावेजों की जांच करने में विफल रहे, जिससे बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ।

सूत्रों के अनुसार, कई अवैध रजिस्ट्री के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के तहत चार्जशीट किया जाएगा, जिससे उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकेगा। कम उल्लंघन करने वालों को नियम 8 के तहत मामूली जुर्माना देना होगा।

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