हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया है और सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति तेज कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि विधानसभा जनता की आवाज का सबसे मजबूत मंच है और इस सत्र में सरकार को हरियाणा की वास्तविक चुनौतियों का सामना करना होगा।
कांग्रेस विधायक अरोड़ा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आदर्श परिस्थिति में किसी भी सरकार का फोकस बेहतर शिक्षा, सुदृढ़ स्वास्थ्य व्यवस्था और मजबूत कानून-व्यवस्था पर होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में हालात इसके बिल्कुल उलट हैं।
कांग्रेस विधायक ने चिंता जताते हुए कहा राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यह है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिलते। दवाई कभी होती है, तो उसे देने वाला स्टाफ नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि बढ़ते अपराध ने आम आदमी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं और सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। अशोक अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार की लापरवाही ने खिलाड़ियों की जान तक ले ली।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि खेलों में सरकारी अव्यवस्था की वजह से दो खिलाड़ियों की मौत हो गई। इस मुद्दे को सदन में जरूर उठाया जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर तत्काल कदम उठाए।
अरोड़ा ने आगे कहा कि प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार भी इस बात को अब स्वीकार कर रही है और उसी आधार पर अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है। अब जरूरत इस बात की है कि जांच हो कि यह नुकसान किन राजनीतिक संरक्षण में हुआ। उन्होंने दावा किया कि बिना राजनीतिक शह के इतने बड़े स्तर पर गड़बड़ी संभव नहीं।
कांग्रेस विधायक ने राज्य में ईडब्ल्यूएस की आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने की भी मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जब क्रीमी लेयर के लिए 6 से 8 लाख कर सकते हैं तो ईडब्ल्यूएस में क्यों नहीं? केंद्र सरकार भी यह बढ़ोतरी कर चुकी है।
कांग्रेस विधायक ने यह स्पष्ट किया कि इस सत्र में कांग्रेस जिन प्रमुख मुद्दों को सदन में उठाएगी, उनमें दो खिलाड़ियों की मौत का मामला, किसानों को हुए आर्थिक नुकसान की जांच, ईडब्ल्यूएस आय सीमा बढ़ाने की मांग, स्वास्थ्य व शिक्षा ढांचे में सुधार के साथ-साथ बढ़ते अपराध और सुरक्षा चुनौतियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह सत्र जनता की उम्मीदों को आवाज देने का है। हम चाहेंगे कि सरकार इन सभी बिंदुओं पर ध्यान दे।

