हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने गुरुवार को कहा कि स्कूल शिक्षिका मनीषा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और फोरेंसिक विशेषज्ञों की ईमानदारी पर कोई सवालिया निशान नहीं है, लेकिन मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला परिवार की मांग और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
भिवानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि जांच के हस्तांतरण के लिए अधिसूचना जल्द ही राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा, “अब तक एकत्र किए गए सभी सबूत सीबीआई को उपलब्ध कराए जाएँगे। पुलिस इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है।” ढाणी लक्ष्मण गांव की निवासी 19 वर्षीय मनीषा 13 अगस्त को सिंघानी गांव में नहर के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थी, जिसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था।
कपूर ने कहा कि परिवार के आग्रह पर पोस्टमार्टम तीन बार किया गया – भिवानी के सिविल अस्पताल, पीजीआईएमएस रोहतक और एम्स दिल्ली में। उन्होंने कहा, “पोस्टमॉर्टम में उच्चतम मानकों का पालन किया गया। फोरेंसिक विशेषज्ञों से भी सलाह ली गई।”
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए, डीजीपी ने बताया कि 11 अगस्त को मनीषा, जो आमतौर पर दोपहर 1:30 बजे बस से घर लौटती थी, ने बस ड्राइवर को बताया कि वह उस दिन यात्रा नहीं करेगी। बाद में मिले सबूतों से पता चला कि उसने एक स्थानीय दुकान से कीटनाशक खरीदा था, जहाँ सीसीटीवी फुटेज में उसकी मौजूदगी दर्ज हुई थी।
उन्होंने आगे कहा, “दुकानदार का बयान दर्ज कर लिया गया है। उसके बाद कोई और सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला।” 13 अगस्त को एक खेतिहर मज़दूर ने खेत में एक शव के पास आवारा कुत्तों को देखा और पुलिस को सूचना दी। शव बरामद किया गया और परिवार के बयान पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।
कपूर ने स्पष्ट किया, “पहली नजर में पुलिस को भी शव की हालत को देखते हुए हत्या का मामला होने का संदेह था।”
डीजीपी ने मनीषा के बैग से एक सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “विशेषज्ञों की मदद से इसकी सत्यता की पुष्टि करने में समय लगा। सबूतों की पुष्टि किए बिना पीड़िता के निजी मामलों को सार्वजनिक करना उचित नहीं है। पत्र की सत्यता की पुष्टि होने के बाद ही उसे सार्वजनिक किया गया।”
उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि जहर आंतरिक रूप से फैलता है और बाद में त्वचा और गर्दन जैसे बाहरी अंगों तक पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा, “देखे गए खरोंच के निशान आवारा जानवरों के थे, हत्या के निशान नहीं।”
कपूर ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “कुछ शरारती तत्व सुर्खियाँ बटोरने और अफवाहें फैलाने के लिए वीडियो बना रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई की गई है। निजी शोहरत के लिए तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने वाले और भी यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया संचालकों पर नज़र रखी जा रही है।”