रोहतक, 13 मार्च हरियाणा राज्य सूचना आयोग को 2005 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक 95,117 अपीलें और 9,806 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन के जवाब में प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 18 वर्षों में 28,473 राज्य लोक सूचना अधिकारियों (एसपीआईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। उक्त 28,473 अधिकारियों में से 3,814 एसपीआईओ पर जुर्माना लगाया गया है। हालाँकि, 1,624 अधिकारियों ने अभी तक उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया है। 3,473 मामलों में, आयोग ने संबंधित अधिकारियों को आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवेदकों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
ऐसे आवेदकों में से एक, हरियाणा सूचना अधिकार मंच के राज्य संयोजक सुभाष ने अफसोस जताया, “हालांकि, लगभग 50 प्रतिशत आवेदकों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।” उन्होंने बताया कि कुछ अधिकारियों ने उक्त मुआवजे का भुगतान नहीं किया है। 2007 से अब तक आवेदक।
सुभाष ने कहा, “जिस उद्देश्य के लिए आयोग की स्थापना की गई थी वह उद्देश्य विफल हो गया है और यह सत्तारूढ़ दल के करीबी लोगों को समायोजित करने का एक मंच बन गया है।” उन्होंने कहा कि कई आरटीआई कार्यकर्ताओं ने अब इस अधिनियम के तहत जानकारी मांगना बंद कर दिया है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में लगातार सरकारों ने इसे कमजोर कर दिया है।
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