अम्बाला, 25 जनवरी
हरियाणा सरकार ने बुधवार को एसएपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 372 रुपये कर दिया। हालांकि, बढ़ोतरी से नाखुश भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) ने चालू पेराई सीजन के लिए बढ़ोतरी को किसानों के साथ क्रूर मजाक करार दिया है।
गन्ने की कीमतें तय करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति द्वारा बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद एसएपी में वृद्धि की गई। इस मौके पर राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल और एसीएस सुमित मिश्रा भी मौजूद थे
गन्ना किसान गन्ने के एसएपी को बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने 20 जनवरी से गन्ने की आपूर्ति बंद कर दी है, जिससे चीनी मिलों में कामकाज ठप हो गया है।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सीजन के लिए गन्ने की कीमत 372 रुपये प्रति क्विंटल होगी और अगले साल इसे फिर से बढ़ाया जाएगा। उन्होंने गन्ना किसानों से मिलों को आपूर्ति फिर से शुरू करने की अपील की ताकि गुरुवार से परिचालन फिर से शुरू हो सके।
दूसरी ओर, बीकेयू (चारुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह ने कहा, ‘किसानों को 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी स्वीकार्य नहीं है। यह एक क्रूर मजाक है। हम गन्ने की कीमतों में अपर्याप्त वृद्धि के लिए हरियाणा सरकार की निंदा करते हैं। कृषि कार्यकर्ता उन्हें दिए गए कार्यक्रम के अनुसार विरोध करना जारी रखेंगे। भविष्य की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को एक बैठक होगी।
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा, ‘इनपुट लागत बढ़ गई है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद सरकार किसानों को कोई राहत देने में विफल रही है।
इस बीच किसान आज हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रहे हैं। मिनी सचिवालय में मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका।
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