फरीदाबाद, 29 जुलाई हरियाणा मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के सैकड़ों सदस्यों ने आज यहां प्रदर्शन कर अपनी लंबित मांगों को न माने जाने पर नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन स्थल पर पहुंची शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारियों ने आज सुबह मंत्री के घर का घेराव करने की धमकी दी थी।
शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा हरियाणा मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन ने रविवार को शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा को मांगों का ज्ञापन सौंपा। यूनियन की मांगों में न्यूनतम वेतन को 26,000 रुपये प्रति माह करना, जो हर 12 महीने दिया जाए, 5 लाख रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ और सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करना, इसके अलावा 2,000 रुपये प्रति वर्ष वर्दी भत्ता देना शामिल है।
यूनियन महासचिव सरबती ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन उनकी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन का हिस्सा था। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 30,000 मिड-डे मील वर्करों की शिकायतों का समाधान करने में विफल रही है।
सरबती ने कहा कि सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन से संबद्ध यूनियन ने एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 26,000 रुपये प्रति माह करने, जिसका भुगतान सभी 12 महीनों में किया जाए, 5 लाख रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ और सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने तथा 2,000 रुपये प्रति वर्ष वर्दी भत्ता देने की मांग की गई है।
सीआईटीयू की राज्य अध्यक्ष सुरेखा ने कहा कि मिड-डे मील कर्मियों को मात्र 7,000 रुपये मिल रहे हैं और वह भी समय पर नहीं, जिससे उन्हें और उनके परिवारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि उनकी मांगें जायज हैं और गलत नीतियों के कारण नुकसान झेल रहे कर्मचारियों के लिए यह विरोध शायद आखिरी विकल्प है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने 12 महीने के वेतन के भुगतान की मांग का समर्थन किया, लेकिन वेतन संशोधन के लिए समर्थन व्यक्त करने में विफल रहे।
हालांकि, मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष सरोज दुजाना ने कहा कि इस मामले पर अगले सप्ताह एसोसिएशन की राज्य स्तरीय बैठक में चर्चा की जाएगी, जिसमें आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।