चंडीगढ़, 12 जून लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज भाजपा शासन के पिछले 10 वर्षों को “घृणा और नकारात्मकता” से भरा बताया।
हुड्डा ने कहा, “किसानों ने देखा कि उनके आंदोलन को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें गाड़ दी गईं। वे अपने आंदोलन के दौरान पूरी गर्मी और सर्दी सड़क पर बिताते रहे। उन्हें आतंकवादी कहा गया। सरपंचों को पीटा गया। महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिला। आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा। यह सरकार पुलिस, प्रोपेगेंडा और पोर्टल (वेबसाइट) का प्रतिनिधित्व करती है।”
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि हाल ही में आए लोकसभा के नतीजों से संकेत मिलता है कि कांग्रेस राज्य में सत्ता में लौट रही है। उन्होंने कहा, “राज्य के पिछले 10 साल इतिहास में सभी सूचकांकों में गिरावट के लिए याद किए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार द्वारा ‘महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना’ के लाभार्थियों को कब्ज़ा प्रमाण पत्र वितरित किए जाने पर उन्होंने कहा, “यह हमारी योजना थी। हमने 4 लाख लोगों को प्लॉट दिए थे जबकि बाकी के लिए 3 लाख प्लॉट चिन्हित किए गए थे। हालांकि, जब भाजपा सत्ता में आई तो उन्होंने इस योजना को बंद कर दिया। अब नौ साल से अधिक समय के बाद उन्होंने इस योजना को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इसके बजाय उन्हें लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि राज्य में 2 लाख सरकारी नौकरियाँ खाली हैं और हरियाणा बेरोज़गारी के मामले में देश में नंबर 1 पर है। “यह अपराध और महंगाई के मामले में भी नंबर 1 बन गया है। इसके अलावा, राज्य कर्ज के जाल में फंसा हुआ है। सरकार कर्ज चुकाने के लिए कर्ज ले रही है।”
उन्होंने बताया कि इंडिया ब्लॉक के घटक दलों (कांग्रेस और आप) का वोट शेयर 47.61 प्रतिशत रहा और भाजपा को 46.11 प्रतिशत वोट मिले। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले भाजपा के वोट शेयर में करीब 12 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन कांग्रेस 28.5 प्रतिशत से बढ़कर 43.67 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 46 विधानसभा क्षेत्रों में आगे है और 44 में पीछे है। “लोकसभा चुनावों में भाजपा आधी रह गई है और विधानसभा चुनावों में उसका सफाया हो जाएगा।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की सटीक संख्या बताने से परहेज किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। अन्य (जेजेपी और आईएनएलडी) नोटा से मुकाबला करेंगे।”
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार के पास संख्याबल नहीं है। हमने राज्यपाल को पत्र लिखकर सदन को भंग करने को कहा है, ताकि खरीद-फरोख्त बंद हो सके। हम फिर से राज्यपाल से संपर्क करेंगे।”