पांच साल से अधिक समय पहले दर्ज की गई एफआईआर के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर हैरानी जताते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अमृतसर (ग्रामीण) पुलिस को जांच की निगरानी में पूरी तरह विफल रहने के लिए फटकार लगाई।
ब्यास पुलिस स्टेशन में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एनएस शेखावत ने कहा, “यह जानकर हैरानी होती है कि वर्तमान मामले में एफआईआर 6 जुलाई, 2020 को दर्ज की गई थी और आरोपी को पिछले पांच साल से अधिक समय से गिरफ्तार नहीं किया गया है।”
पीठ ने ज़ोर देकर कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं, बल्कि एक परेशान करने वाले पैटर्न का हिस्सा है। न्यायमूर्ति शेखावत ने कहा, “इस न्यायालय ने विभिन्न मामलों में बार-बार यह देखा है कि अमृतसर (ग्रामीण) ज़िले में संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा जाँच की कोई निगरानी नहीं की जा रही है। विभिन्न मामलों में ये तथ्य बार-बार राज्य के वकीलों के ध्यान में लाए गए हैं।”
जिले में पुलिस व्यवस्था की विफलता को ध्यान में रखते हुए, उच्च न्यायालय ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे तत्काल एक महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारी को एसएसपी, अमृतसर (ग्रामीण) के कार्यालय में तैनात करें, तथा व्यक्तिगत रूप से जांच की कार्यप्रणाली की जांच करें।
आईजी को उन सभी मामलों की सूची तैयार करने को कहा गया जिनमें जाँच तीन साल से ज़्यादा समय से लंबित है, साथ ही उन मामलों की पहचान करने को भी कहा गया जहाँ जाँच अधिकारियों की फाइलें गुम हो गई हैं, साथ ही उन्हें फिर से संगठित करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी गई। उन्हें उन एफआईआर की सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया गया जिनमें आरोपियों को एक साल से ज़्यादा समय से गिरफ्तार नहीं किया गया है, और उन्हें भगोड़ा घोषित करने और उनकी चल-अचल संपत्तियों को ज़ब्त करने के लिए ज़रूरी कदम उठाने को भी कहा गया।
उन्हें एनडीपीएस अधिनियम के तहत ऐसे मामलों की एक अलग सूची तैयार करने की भी आवश्यकता थी, जिनमें आरोपियों को छह महीने से अधिक समय से गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा यह सुनिश्चित करना था कि ऐसे तस्करों को पकड़ने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
न्यायमूर्ति शेखावत ने ज़ोर देकर कहा कि ये निर्देश असामान्य तो थे, लेकिन अपरिहार्य थे। पीठ ने ज़ोर देकर कहा, “आम तौर पर यह अदालत ऐसे कठोर निर्देश देने से हिचकिचाती है, लेकिन कई मामलों में इस अदालत ने पाया है कि अमृतसर (ग्रामीण) ज़िले में पुलिस तंत्र पूरी तरह से विफल रहा है और ज़िले में सभी जाँचों पर कोई निगरानी नहीं है।”
अदालत ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि राज्य के वकील द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद एसएसपी सुधारात्मक उपाय करने में विफल रहा।