नई दिल्ली, 8 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (नीट)-पीजी 2024 की परीक्षा को फिर से शेड्यूल करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। यह परीक्षा 11 अगस्त को होने वाली है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। याचिका अधिवक्ता अनस तनवीर ने दायर की थी, जो याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए थे और उन्होंने तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
याचिकाकर्ता इस आधार पर परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं कि परीक्षा में शामिल होने वाले कई उम्मीदवारों को ऐसे शहर दिए गए हैं जहां पहुंचना उनके लिए असुविधाजनक है। इसके अलावा, उन्हें यह भी नहीं पता कि परीक्षा में प्राप्त अंकों को सामान्य बनाने के लिए क्या फार्मूला अपनाया जाएगा।
याचिका में चारों सेट के प्रश्नों के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला की मांग की गई है, ताकि प्रक्रिया में मनमानी की किसी भी संभावना को समाप्त किया जा सके।
याचिका में कहा गया है कि परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थी असमंजस में हैं कि उन्हें कौन सा फॉर्मूले के आधार पर अंक दिए जाएंगे। इसलिए, यह प्रार्थना की जाती है कि परीक्षा आयोजित करने से पहले नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला का खुलासा किया जाना चाहिए, ताकि मनमानी की किसी भी आशंका को दूर किया जा सके।
इसके अलावा, याचिका में कहा गया कि परीक्षा शहरों का आवंटन 31 जुलाई को किया गया था और केंद्रों की घोषणा 8 अगस्त को की जानी है। इतने कम समय में छात्रों को अपने परीक्षा केंद्र की यात्रा की व्यवस्था करना अत्यधिक कठिन हो गया है।
दो लाख से ज़्यादा छात्र इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं। यह परीक्षा 185 शहरों में आयोजित की जानी है, इसलिए ट्रेन टिकट उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं और साथ ही डायनेमिक प्राइसिंग के कारण हवाई किराए में भी बढ़ोतरी हो रही है, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों के लिए अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना लगभग असंभव हो गया है।
इससे पहले, 23 जून को होने वाली नीट-पीजी परीक्षा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छात्रों के हित और परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए स्थगित कर दिया था।
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