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प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर छात्रों-युवाओं को बरगला रही हेमंत सरकार : बाबूलाल

Hemant government is misleading students and youth in the name of competitive examinations: Babulal

रांची, 10  जनवरी। झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की सरकार पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे राज्य के छात्रों-युवाओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस सरकार की नाकामी की वजह से झारखंड के युवा बेरोजगारी और अनिश्चितता के चक्र में फंस गए हैं।

मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का जिक्र करते हुए लिखा, “इस परीक्षा की तिथि तीन बार पहले ही स्थगित हो चुकी है। अब एक बार फिर से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग इस परीक्षा को कराने में असमर्थ साबित हो रहा है। जहां एक ओर आयोग ने परीक्षा केंद्रों का निर्धारण न कर पाने के बाद कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग से सहयोग मांगा है, वहीं दूसरी ओर कार्मिक विभाग ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है। ऐसे में फिर एक बार परीक्षा टलने की संभावना बढ़ गई है, जिससे लगभग सात लाख अभ्यर्थियों के सामने एक बार फिर से समस्याएं खड़ी हो गई हैं।”

मरांडी ने कहा, “जेएसएससी की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही। पिछली बार परीक्षा एजेंसी पर ठीकरा फोड़ा, अब ये खुद परीक्षा केंद्र तय नहीं कर पा रहे। राज्य में मार्च महीने में कभी भी लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लग सकती है, ऐसी परिस्थिति में झारखंड में प्रतियोगी परीक्षा कराना संभव नहीं हो पाएगा। हेमंत सोरेन इस तथ्य को अच्छे से समझते हैं, इसलिए वे परीक्षाओं में येन-केन-प्रकारेण विलंब कर युवाओं को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड के युवाओं को समझना होगा कि हेमंत सरकार पिछले 4 सालों में परीक्षा नहीं करा पाई तो, अगले एक दो महीने में भी जेएसएससी परीक्षा सम्पन्न कराना संभव नहीं है।”

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