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पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों की संपत्ति के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एसीबी से मांगा जवाब

High Court seeks answers from State Government, ACB in the matter of property of five ministers of previous Raghuvar government

रांची, 5 अगस्त । झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के पांच मंत्रियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच की मांग को लेकर दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो से जवाब मांगा है।

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने इस संबंध में चार हफ्ते के भीतर इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह पीआईएल सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव की ओर से वर्ष 2020 में दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुईस मरांडी और रणधीर सिंह की संपत्ति में बहुत कम समय में अप्रत्याशित इजाफा हुआ। इसे भ्रष्टाचार का मामला बताते हुए एसीबी से जांच की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने इसके प्रमाण में निर्वाचन आयोग के समक्ष पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के विवरण से संबंधित दाखिल शपथ पत्र का हवाला दिया था। बताया गया था कि वर्ष 2014 में अमर बाउरी की संपत्ति 7.33 लाख थी, जो 2019 में 89.41 लाख हो गई। इसी तरह रणधीर कुमार सिंह की ओर से 2014 में घोषित 78.92 लाख की संपत्ति साल 2019 में बढ़कर 5.06 करोड़ हो गई। इन्हीं पांच वर्षों के दौरान नीरा यादव की संपत्ति 80.59 लाख से बढ़कर 3.65 करोड़, लुईस मरांडी की संपत्ति 2.25 करोड़ से बढ़कर 9.06 करोड़, नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति 1.46 करोड़ से बढ़कर 4.35 करोड़ हो गई।

दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति में सिर्फ पांच वर्षों में 200 से लेकर 1100 फीसदी तक की वृद्धि हुई। हाईकोर्ट में दर्ज पीआईएल के आधार पर जुलाई 2023 में हेमंत सोरेन ने पांचों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच की स्वीकृति दी थी। इसके बाद एसीबी ने इस मामले में पीई ((प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर पूर्व मंत्रियों को और शिकायतकर्ता को नोटिस भी भेजा था।

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