मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने सभी प्रशासनिक सचिवों को स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने तथा लंबित कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि विकास परियोजनाओं का लाभ राज्य के लोगों तक पहुंचाया जा सके।
सुक्खू ने आज यहाँ सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार सुशासन और लोगों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा, “मुख्य सचिव विभागीय परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और डेटा भंडारण क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है और इन क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने आगे कहा, “लोगों को उनके घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले, इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार किए जा रहे हैं। सरकार राज्य के सभी सात मेडिकल कॉलेजों में एम्स-दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक उपकरणों और उन्नत मशीनों से सुसज्जित करके सुविधाओं को भी मजबूत कर रही है।”
उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और उनके लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा तैयार करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) और वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के मामलों की स्वीकृति प्रक्रिया में तेज़ी लाई जानी चाहिए और विभागों को अपने कार्यों के डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
सुक्खू ने कहा कि राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गाँवों में रहती है और इसलिए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने दूध की ख़रीद की क़ीमतें बढ़ाई हैं और प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूँ, मक्का, जौ और हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय किए हैं।” उन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाने पर ज़ोर दिया, जो किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत हो सकता है।