मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की कठिन भौगोलिक स्थिति और मजबूत स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे की आवश्यकता का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हिमाचल प्रदेश के वार्षिक आवंटन को 200 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के साथ बैठक के दौरान, सुक्खू ने पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष के लिए एनएचएम के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाने का अनुरोध किया और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के उपचार में सुधार के लिए राज्य भर में तीन समर्पित गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) की स्थापना की मंजूरी मांगी।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक बाधाओं पर जोर देते हुए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत केन्द्र की वित्तीय हिस्सेदारी को मौजूदा 90:10 के अनुपात में बनाए रखने की भी अपील की।
सुखू ने नड्डा को इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं से हुए व्यापक नुकसान की जानकारी दी और पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने आवश्यक बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए केंद्रीय सहायता का अनुरोध किया।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से राज्य की उधार सीमा को दो प्रतिशत बढ़ाने का मामला केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष उठाने का आग्रह किया तथा इसे हिमाचल की वित्तीय स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की पहल की सराहना की और आश्वासन दिया कि सभी अनुरोधों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाएगी, जिससे उन्होंने अपने गृह राज्य के विकास प्रयासों को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											