बड़सर विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने आज यहाँ कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह ज़िले हमीरपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ठप पड़ी है और गरीब बच्चियों को घोषित राहत राशि के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक विफलता और गरीब विरोधी रवैये का ज्वलंत उदाहरण है कि मुख्यमंत्री के गृह ज़िले में इस योजना को रोक दिया गया है।
लखनपाल ने कहा कि यह योजना गरीब, निराश्रित, विधवा और आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों की बेटियों की शादी के समय आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के गृह ज़िले में भी लाभार्थियों को वादा की गई सहायता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 177 आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन अभी तक केवल सात लाभार्थियों को ही सहायता राशि प्रदान की गई है। शेष 170 आवेदन विभागीय कार्यालयों में लंबित हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को बिना किसी परेशानी के अपनी बेटियों की शादी करने में मदद करने के लिए समय पर आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है। फिर भी, महीनों के इंतज़ार के बाद भी, कई आवेदकों को कोई सहायता नहीं मिली है, जो सरकार की उदासीनता को उजागर करता है।
विधायक ने कहा कि समस्या सिर्फ़ चालू वित्तीय वर्ष तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि पिछले साल भी कुल 266 आवेदनों में से केवल 187 लाभार्थियों को ही सहायता मिली थी, जबकि 79 पात्र परिवार अभी भी राहत राशि का इंतज़ार कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आँकड़े साफ़ तौर पर दर्शाते हैं कि कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ सिर्फ़ कागज़ों तक ही सीमित थीं। उन्होंने दावा किया, “गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करना सरकार की नैतिक और सामाजिक ज़िम्मेदारी है। और अगर सरकार यह बुनियादी मदद भी नहीं देती, तो वह जनता का विश्वास हासिल करने का नैतिक अधिकार खो देती है।”

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											