शिमला, 20 जुलाई एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार राज्य में 4,200 से अधिक होम स्टे इकाइयों पर कर लगाने पर विचार कर रही है। निकट भविष्य में इकाई मालिकों से उनकी इकाइयों के लिए वाणिज्यिक जल और बिजली दरों पर कर वसूला जा सकता है।
होटल व्यवसायी परेशान राज्य भर के होटल व्यवसायी सरकार से होम स्टे पर लगाम लगाने का आग्रह कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि बिना कोई कर चुकाए यह उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कई होम स्टे पर्यटन विभाग के साथ पंजीकरण के बिना अवैध रूप से चल रहे हैं, जबकि अन्य होम स्टे कमरों की संख्या और अन्य शर्तों के संबंध में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और पर्यटन विभाग द्वारा इनकी बहुत कम जांच की जाती है।
इस बात के संकेत आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने दिए। अनिरुद्ध ने बताया कि होम स्टे नियम 2024 में संशोधन के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी के समक्ष सभी होम स्टे को व्यावसायिक दरों पर बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया है।
मंत्री महोदय होम स्टे से कर वसूलने तथा उनके द्वारा किए गए उल्लंघनों का पता लगाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति के सदस्य हैं। समिति 22 जुलाई को अपनी दूसरी बैठक करेगी। होम स्टे के कामकाज से संबंधित ऐसे सभी मुद्दों पर समिति की बैठक में चर्चा किए जाने की संभावना है, जिसमें समिति अपनी सिफारिशें पेश करेगी।
राज्य में कुल 4,289 होम स्टे हैं, जबकि होटल और गेस्ट हाउस की संख्या 4,735 है। कुल 77,105 कमरे हैं, जिनमें 1.57 लाख बिस्तरों की क्षमता है। इसके अलावा राज्य में 4,933 ट्रैवल एजेंसियां, 1,113 फोटोग्राफर और 1,865 टूरिस्ट गाइड हैं।
सरकार के संज्ञान में लाया गया दूसरा बड़ा मुद्दा यह है कि कई गैर-मान्यता प्राप्त हिमाचली, जिन्होंने आवासीय उद्देश्य के लिए भूमि सुधार और किरायेदारी अधिनियम की धारा 118 के तहत छूट के तहत जमीन खरीदी थी, वे होम स्टे चला रहे हैं। कई मामलों में, ऐसे आवासों के मालिक वहां रहते ही नहीं हैं और उन्होंने वस्तुतः होम स्टे चलाने के लिए बाहरी लोगों को संपत्ति पट्टे पर दे दी है। ऐसे में, सरकार ऐसे सभी लोगों पर कार्रवाई कर सकती है, जिन्होंने धारा 118 का उल्लंघन किया है।
राज्य भर के होटल व्यवसायी सरकार से होम स्टे पर लगाम लगाने का आग्रह कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि बिना किसी कर का भुगतान किए उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कई होम स्टे पर्यटन विभाग के साथ पंजीकृत हुए बिना अवैध रूप से चल रहे हैं, जबकि अन्य कमरों की संख्या और अन्य शर्तों के संबंध में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और पर्यटन विभाग द्वारा उन पर बहुत कम जांच की जाती है। भले ही सरकार ने होम स्टे नियमों में संशोधन किया हो, लेकिन जो बदलाव किए गए हैं, उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है।
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