N1Live Himachal हिमाचल सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन ला रही है: सुखविंदर सुखू
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हिमाचल सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन ला रही है: सुखविंदर सुखू

Himachal government is bringing radical changes in education, health sector: Sukhwinder Sukhu

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज ऊना विधानसभा क्षेत्र में 25.79 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास किए।

मुख्यमंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) ऊना में 8.79 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नए शैक्षणिक खंड भवन, राजकीय महाविद्यालय ऊना में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक अन्य शैक्षणिक खंड का उद्घाटन किया तथा महाविद्यालय परिसर में 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बालिका छात्रावास की आधारशिला रखी।

राजकीय महाविद्यालय ऊना में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन ला रही है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन लाने और विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज शिक्षा के अलग-अलग निदेशालय बनाए गए हैं।

उन्होंने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से ऊना शहर में लड़कों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को सह-शिक्षा बनाया जाएगा तथा यहां सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा ताकि बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली प्रतिस्पर्धी शिक्षा मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी भाषा में दक्ष बनाने के लिए 500 विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की जा रही है और स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा के लिए 600 जूनियर बेसिक शिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंत में राज्य में 600 नए शैक्षणिक संस्थानों की घोषणा की थी, लेकिन उन्होंने कोई बुनियादी ढांचा तैयार नहीं किया और न ही अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था की।

सुक्खू ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार इन संस्थानों का युक्तिकरण कर रही है ताकि शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक और सुदृढ़ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी राजकीय आदर्श डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है, जिसके लिए चालू वित्त वर्ष में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधारों के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में चिकित्सा प्रौद्योगिकी को मजबूत करने के लिए 1,350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं ताकि लोगों को विश्व स्तरीय उपचार सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कॉलेज और नेरचौक मेडिकल कॉलेज सहित सभी मेडिकल कॉलेजों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया जा रहा है और 20 साल से पुरानी मशीनों को चरणबद्ध तरीके से बदला जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में हिमाचल प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में कैंसर रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर किए गए विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पेयजल की गुणवत्ता भी इसमें महत्वपूर्ण कारक है। इसी दृष्टि से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वच्छ जल योजना शुरू की है, जिसके तहत 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य है।

उन्होंने ड्रग और खनन माफिया से सख्ती से निपटने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

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