शिमला, 27 जुलाई राज्य सरकार ने सोलन जिले के नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण अपने संसाधनों से करने तथा परियोजना के लिए केन्द्र सरकार से प्राप्त 30 करोड़ रुपये वापस करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा, “राज्य सरकार किसी भी कीमत पर हिमाचल प्रदेश के संसाधनों की लूट नहीं होने देगी। इन संसाधनों पर हिमाचल के लोगों का अधिकार है और राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगी।” उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार का पैसा वापस नहीं किया गया तो उद्योगपतियों को अनिवार्य प्रोत्साहन देना पड़ेगा, जिससे राज्य के खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा और राजस्व का नुकसान होगा।
हिमाचल प्रदेश केंद्र को 30 करोड़ रुपये लौटाएगा अगर राज्य सरकार 30 करोड़ रुपये नहीं लौटाती है तो उसे उद्योगपतियों को एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन, तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली, पानी, रखरखाव और गोदाम की सुविधा 10 साल तक बिना किसी शुल्क के उपलब्ध करानी होगी। – सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने अब तक इस परियोजना के लिए 74.95 करोड़ रुपये जारी किए हैं और मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। 265 एकड़ में फैली इस परियोजना पर 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी।”
सुक्खू ने कहा, ‘‘अगर राज्य सरकार 30 करोड़ रुपये नहीं लौटाती है तो उसे उद्योगपतियों को एक रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन, तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली, पानी, रखरखाव और गोदाम की सुविधा 10 साल तक बिना किसी शुल्क के उपलब्ध करानी पड़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मेडिकल डिवाइस पार्क में बनने वाले अधिकांश उपकरण राज्य से बाहर बेचे जाएंगे, लेकिन इससे राज्य के खजाने को एसजीएसटी के कारण सीधा नुकसान भी होगा। इसलिए इस बंधन से उबरने के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क को स्वयं बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे आने वाले पांच से सात वर्षों में जमीन और अन्य संसाधनों की बिक्री से राज्य को 500 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे पहले भी राज्य सरकार ने ऊना जिले के हरोली में बनाए जा रहे बल्क ड्रग पार्क में किसी भी निजी एजेंसी की मदद नहीं लेने का फैसला किया था। पार्क के निर्माण के लिए सरकार अपने संसाधनों से 1,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण के लिए सिडबी से ऋण लेगी।
उन्होंने कहा, “अब परियोजना का पुनर्गठन करते समय 25 प्रतिशत भूमि विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योगों को और 75 प्रतिशत अन्य रणनीतिक इकाइयों को आवंटित की जाएगी, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास सुनिश्चित होगा।”