N1Live Himachal हिमाचल हाईकोर्ट ने डीजीपी कुंडू, कांगड़ा की एसपी के तबादले का आदेश दिया
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हिमाचल हाईकोर्ट ने डीजीपी कुंडू, कांगड़ा की एसपी के तबादले का आदेश दिया

Himachal High Court orders transfer of DGP Kundu, Kangra SP

शिमला, 27  दिसंबर । हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक व्यवसायी को कथित तौर पर डराने-धमकाने के मामले में मंगलवार को राज्य सरकार को शर्मिंदगी में डालते हुए पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री का तबादला करने का निर्देश दिया, ताकि उनके पास जांच को प्रभावित करने का कोई मौका न रहे।

मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्स्ना रेवाल दुआ ने 17 पृष्‍ठों का आदेश पालमपुर स्थित व्यवसायी निशांत शर्मा की शिकायत पर दिया, जिन्होंने अपने और अपने परिवार के जीवन को खतरे का आरोप लगाया था और 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी, डीजीपी कुंडू के खिलाफ आरोप लगाए थे।

अदालत ने गृह सचिव को निर्देश देते हुए कहा, “हमारी राय है कि यह वांछनीय होगा कि हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित कर दिया जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दर्ज एफआईआर में लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच हो।”

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पार्टियों के दावों के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं, क्योंकि जांच “अभी भी पूरी नहीं हुई है” लेकिन न्याय के हित में और जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए साथ ही साथ इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए।”

उच्च न्यायालय द्वारा मामले का संज्ञान लेने के बाद, कांगड़ा पुलिस ने 17 नवंबर को कई लोगों के खिलाफ गलत तरीके से रोकने, जानबूझकर चोट पहुंचाने, आपराधिक धमकी देने और आपराधिक कृत्य के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी।

शर्मा ने अपनी शिकायत में अपने साझेदारों से उन्हें, उनके परिवार और संपत्ति को खतरा होने का आरोप लगाया था और 25 अगस्त को गुरुग्राम में उन पर “क्रूर हमले” की एक घटना का हवाला देते हुए कहा था कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी सहित हिमाचल के दो प्रभावशाली लोग शामिल थे, जिनकी सीसीटीवी फुटेज में पहचान हुई।

उन्होंने आरोप लगाया है, “मैं हमले के बाद कांगड़ा जिले के पालमपुर आया था, लेकिन डीजीपी ने मुझे अपने आधिकारिक नंबर से फोन किया और मुझे शिमला आने के लिए मजबूर किया और उसी दिन दो अपराधियों ने मुझे धर्मशाला में रोका और मेरे ढाई साल के बच्‍चे और पत्‍नी को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।”

उन्होंने आरोप लगाया, ”मैं धर्मशाला में पुलिस अधीक्षक के घर गया और उन्हें अपनी दुर्दशा बताई और उन्हें अपनी शिकायत दी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया है।”

अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उन्होंने स्वतंत्र जांच और डीजीपी समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. हालांकि, डीजीपी ने शिकायत में उनका नाम घसीटकर उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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