N1Live National उपचुनाव में जीत के बाद मां चिंतपूर्णी के दर्शन करने पैदल यात्रा पर निकले हिमाचल विधायक विवेक शर्मा
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उपचुनाव में जीत के बाद मां चिंतपूर्णी के दर्शन करने पैदल यात्रा पर निकले हिमाचल विधायक विवेक शर्मा

Himachal MLA Vivek Sharma sets out on foot to visit Maa Chintpurni after victory in by-election

ऊना, 6 जून । हिमाचल प्रदेश के कुटलैहड़ विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित विधायक विवेक शर्मा परिवार और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ माता चिंतपूर्णी की पैदल यात्रा पर निकले हैं। वो माता के दरबार में पहुंचकर आभार जताएंगे। अपनी जीत को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों ने धनबल की बजाए जनबल पर विश्वास जताया है। विधानसभा क्षेत्र का विकास ही उनका एकमात्र लक्ष्य है।

माता चिंतपूर्णी के दरबार की पैदल यात्रा पर जाने के क्रम में जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विवेक शर्मा का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने माता के दरबार में मन्नत मांगी थी कि उपचुनाव में उन्हें पार्टी का टिकट और जीत मिले। मन्नत पूरी होने के बाद वह अब अपने परिवार और कांग्रेस परिवार के साथ माता के दरबार में आशीर्वाद लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा उपचुनाव में लोगों ने धनबल के खिलाफ मतदान करते हुए जनबल पर विश्वास व्यक्त किया है। यही विश्वास क्षेत्र के विकास में अब उनकी ताकत बनेगा।

कुटलैहड़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुमार भुट्टो को मात दी है। विवेश शर्मा को 36,853 वोट मिले। दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुमार भुट्टो को 31,497 मत मिले। विवेक शर्मा को प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है।

भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुमार भुट्टो ने उपचुनाव में मिली हार को स्वीकार करते हुए क्षेत्रवासियों का आभार व्यक्त किया और नए विधायक विवेक शर्मा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हार पर मंथन किया जाएगा, कहां कमी रह गई, इस पर मंथन किया जाएगा।

बता दें, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में देवेंद्र कुमार भुट्टो ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में जीत दर्ज की थी। इस दौरान उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को चुनाव हराया था। इसके बाद हिमाचल की राजनीति में महज 14 महीने बाद मचे सियासी बवाल के दौरान वह कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद इस उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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