हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा धोखाधड़ी घोटाले में गिरफ्तार किए गए दो युवकों ने कथित तौर पर 15 जून को आयोजित परीक्षा में नकल करने में मदद करने के बदले उम्मीदवारों से पैसे लेने की बात कबूल की है। हालांकि, स्थानीय पुलिस के सूत्रों का कहना है कि पुलिस जांच दल को दोनों से पुलिस पूछताछ के दौरान पेपर लीक का कोई सुराग या सबूत नहीं मिला।
सोमवार को कांगड़ा जिला पुलिस ने पालमपुर थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) और 3(5) के तहत विक्रम और बलविंदर उर्फ सोनू जरयाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वे मुख्य आरोपी थे, जिन्होंने पैसे लेकर परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को नकल करने में मदद की थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने 10 संदिग्ध अभ्यर्थियों को भी बुलाया और उनसे नकल के लिए दिए गए पैसे के बारे में पूछताछ की। इनमें से कुछ ने पैसे देने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि दोनों ने परीक्षा में नकल करवाने के लिए कई तरीके अपनाए थे।
जांच दल ने उम्मीदवारों के बयान दर्ज कर लिए हैं। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इसके अलावा, पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि दोनों ने उम्मीदवारों से 35 लाख से 50 लाख रुपये तक की रकम वसूली होगी, हालांकि, अभी तक सबूतों के साथ इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जांच दल ने जालसाजों के बैंक खातों का ब्योरा भी मांगा है, जिसकी जांच कर पैसे के लेन-देन के सुराग तलाशे जाएंगे।
इन दोनों जालसाजों के नाम पहले 2022 पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले और 2019 के अवैध ब्लूटूथ डिवाइस उपयोग रैकेट में भी सामने आए थे, जिसमें शिमला में आयोजित नवोदय विद्यालय समिति की परीक्षाओं में नकल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग करने के आरोप में 35 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।
कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि दोनों जालसाज 23 जून तक पुलिस हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि जांच जारी है तथा अभी तक कोई और गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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