शिमला, 31 जुलाई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि वन विभाग ने इस वर्ष पूरे राज्य में 9,000 हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। उन्होंने अपने सरकारी आवास ओक ओवर में ओक का पौधा लगाकर 75वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लावारिस सूखे और बचाए गए पेड़ों के निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) शुरू की गई है और वन रक्षक स्तर पर दो पेड़ों और प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) स्तर पर 25 पेड़ों तक की अनुमति दी जाएगी।
उन्होंने ई-फॉरेस्ट सॉफ्टवेयर के बीटा परीक्षण का शुभारंभ किया, जो एक नई डिजिटल पहल है जिसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को सुव्यवस्थित करना और वन विभाग के भीतर पारदर्शिता बढ़ाना है। उन्होंने वन क्षेत्रों में फलों के पेड़ों के रोपण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने के महत्व पर जोर दिया, जिसके अगले 10 वर्षों में सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है।
सुखू ने कहा कि लाहौल और स्पीति जिले में महिला मंडलों ने वृक्षारोपण और वन संरक्षण गतिविधियों में भाग लिया है, जिससे उन्हें राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वन विभाग और वन निगम ने पिछले साल 15,000 पेड़ों को काटकर उनका प्रसंस्करण किया, जिससे लकड़ी की बिक्री से पर्याप्त राजस्व प्राप्त हुआ और सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ साल में 35 करोड़ रुपये से दोगुनी होकर 70 करोड़ रुपये हो गई।
इस बीच, एक रणनीतिक बदलाव में, राज्य सरकार ने वन विभाग के निर्माण विंग को बंद करने का फैसला किया है ताकि उसे मुख्य वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिल सके। सुखू ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ‘व्यवस्था परिवर्तन’ (व्यवस्थित परिवर्तन) के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा, “वन विभाग सहित सरकारी विभाग अपने कामकाज को बेहतर बनाने और राज्य के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं। सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने का लक्ष्य रखा है, जिसमें वन विभाग इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
उन्होंने कहा कि ऊना जिले के पेखुबेला में 32 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, तथा अगले छह महीनों में दो और सौर संयंत्र चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए ऑयल इंडिया कंपनी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री ने वन महोत्सव में भाग लेने वाले प्रदेश भर के मंत्रियों और विधायकों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और राम कुमार चौधरी तथा विधायक हरीश जनारथा भी उपस्थित थे।