शिमला, 1 जुलाई राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज कहा कि राज्य सरकार और राजभवन के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों के बीच गलतफहमी दूर हो गई है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी है।
संवादहीनता एक मंत्री ने संवादहीनता के कारण कहा था कि एक विधेयक से संबंधित फाइल राजभवन में लंबित है। हालांकि, अब सीएम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि फाइल राज्य सरकार के पास ही पड़ी है। शिव प्रताप शुक्ला, राज्यपाल
शुक्ला ने आज सोलन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “कुछ संवादहीनता के कारण एक मंत्री ने कहा था कि विधेयक से संबंधित फाइल राजभवन में लंबित है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने अब स्थिति स्पष्ट कर दी है और कहा है कि फाइल राज्य सरकार के पास पड़ी है।”
स्मरणीय है कि शुक्ला ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार द्वारा राजभवन पर पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के लिए विधेयक पारित करने से संबंधित फाइल पर देरी करने का आरोप लगाने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी।
शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने माना है कि राजभवन से आया पत्र पिछले तीन-चार महीने से सचिव (विधि) के पास पड़ा हुआ है और इसमें राजभवन की कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से स्थिति स्पष्ट हो गई है।
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में नशे की लत के बढ़ते खतरे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हम सभी को नशे की लत के खतरे से लड़ने के लिए हाथ मिलाना होगा। हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हिमाचल अपने पड़ोसी राज्यों की राह पर न चले, जहां युवा नशे की लत से पीड़ित हैं।” यह एक ऐसी समस्या है जिससे समाज को मिलकर लड़ने की जरूरत है और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, लोगों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “दो दिन पहले ही मैंने मुख्यमंत्री से बात की थी और उनसे कहा था कि प्रशासन को मानसून के बारे में सतर्क रहना चाहिए। ऐसा लगता है कि उन्होंने अधिकारियों के साथ पहले ही बैठकें कर ली हैं ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तैयारी हो सके।”