हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय परिसर को खाली करा लिया गया तथा सुरक्षा बढ़ा दी गई, क्योंकि न्यायालय परिसर में विस्फोटक उपकरण (आईईडी) लेकर आए आत्मघाती हमलावरों की संभावित उपस्थिति की धमकी मिली थी।
रिपोर्टों के अनुसार, उच्च न्यायालय तथा पुलिस को एक धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ था, जिसमें कहा गया था कि न्यायालय में एक मानव आत्मघाती हमलावर मौजूद है तथा वह न्यायालय को उड़ाने की योजना बना रहा है।
सूचना मिलते ही डीआईजी (दक्षिणी रेंज) अंजुम आरा समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बम निरोधक दस्ते, त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), डॉग स्क्वायड और विशेष अभियान कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। जन सुरक्षा के हित में, पूरे उच्च न्यायालय परिसर को तुरंत खाली करा लिया गया, ताकि सभी न्यायाधीशों, न्यायालय कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और उपस्थित नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अदालत परिसर और आस-पास के इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। सभी कमरों, गलियारों और प्रवेश/निकास बिंदुओं की व्यवस्थित रूप से जांच की गई ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की तलाश की जा सके।
शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रतन नेगी ने बताया कि चार घंटे तक चले गहन तलाशी अभियान के बाद कोई विस्फोटक उपकरण या खतरा नहीं मिला तथा अलर्ट को गलत माना गया।
उन्होंने कहा, “स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और उच्च न्यायालय में सामान्य कामकाज को चरणबद्ध और सुरक्षित तरीके से बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।”
एएसपी ने लोगों से शांत लेकिन सतर्क रहने की भी अपील की और किसी भी संदिग्ध व्यवहार, वस्तु या गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना देने की अपील की।