जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) द्वारा जापान में आयोजित प्रतिष्ठित सकुरा विज्ञान कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के पाँच मेधावी छात्रों ने भाग लिया। युवाओं के बीच वैज्ञानिक अन्वेषण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने वाले इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के पाँच छात्रों सहित 35 भारतीय छात्रों के साथ-साथ छह अफ्रीकी देशों के छात्रों
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्रों को उनकी चार दिवसीय जापान यात्रा से पहले विदा किया।
समग्र शिक्षा के प्रवक्ता के अनुसार, छात्रों ने टोक्यो विश्वविद्यालय में एक ओरिगेमी कार्यशाला के माध्यम से जापानी संस्कृति का अनुभव किया और अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ऐतिहासिक सेंसो-जी मंदिर, जो अपने पाँच मंजिला शिवालय के लिए प्रसिद्ध है, और रेलवे संग्रहालय का भी दौरा किया, जो जापान की तकनीकी क्षमता और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है।
छात्रों को आपदा प्रबंधन तकनीकों और आपातकालीन तैयारी रणनीतियों से भी परिचित कराया गया। साइबरडाइन स्टूडियो के दौरे के दौरान, उन्होंने उन्नत मानव-मशीन इंटरफेस का भी अनुभव किया।
इसके अलावा, छात्रों ने पारंपरिक जापानी चाय समारोहों, सुलेख सत्रों और संगीत प्रदर्शनों में भाग लिया, जिससे उन्हें देश की सांस्कृतिक परंपराओं की गहरी समझ प्राप्त हुई।
समग्र शिक्षा के प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा शिक्षार्थियों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देना है। साथ ही, इसका उद्देश्य साझा ज्ञान और आपसी सम्मान के माध्यम से भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करना भी है।
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