शिमला, 7 अगस्त मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को ‘हरित परिवहन प्रणाली’ में तब्दील किया जाएगा, क्योंकि इसके मौजूदा बेड़े में 110 ई-बसें और 50 ई-टैक्सियां शामिल की गई हैं, जिनमें और अधिक इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी।
एचआरटीसी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे सुखू ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 327 करोड़ रुपये दिए गए हैं और 2,000 अतिरिक्त टाइप-2 ई-बसें खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि डीजल बसों के पूरे बेड़े को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों से बदला जाएगा।
उन्होंने कहा, “पहले चरण में एचआरटीसी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अयोध्या तक छह बसें चला रहा है और ज़रूरत पड़ने पर और बसें जोड़ने की योजना है। इसके अलावा, यह अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी बस सेवाएं प्रदान कर रहा है।”
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार निगम को वित्तीय घाटे से उबारने और एक लाभदायक संगठन बनने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “एचआरटीसी, जो पहाड़ी परिवहन प्रणाली की जीवन रेखा है, लोगों को विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 12,000 से अधिक कर्मचारी निगम की रीढ़ हैं।”
बैठक में उपस्थित उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी राज्य के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में विश्वसनीय परिवहन सेवाएं प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि संगठन के कर्मचारियों और पेंशनरों को पिछले सात महीनों से हर महीने की पहली तारीख को वेतन और पेंशन मिल रही है, जबकि पिछली भाजपा सरकार के दौरान उन्हें वेतन जारी होने के लिए आठ से 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ता था।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘हिम-एक्सेस’ 261 नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करेगा
डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करके नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘हिम-एक्सेस’ जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
यह प्लेटफॉर्म नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को एक क्लिक से कई विभागीय अनुप्रयोगों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा, जिससे डेटा की सटीकता और स्थिरता सुनिश्चित होगी।
इस प्लेटफॉर्म को इस वर्ष अक्टूबर में लॉन्च किया जाना है और यह ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर वर्तमान में उपलब्ध 261 सेवाओं की पेशकश करेगा
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मिल्कफेड और प्राकृतिक खेती के लिए वेबसाइट विकसित करने के निर्देश दिए, जिसमें विभाग के कामकाज में आधुनिक तकनीक के महत्व पर जोर दिया गया और कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित सेवाओं की सुविधा प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की सुविधा के लिए सभी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीक को शामिल कर रही है।