N1Live Himachal कंगना रनौत ने पिछले साल दी गई 1,800 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता में ‘घपले’ की जांच की मांग की
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कंगना रनौत ने पिछले साल दी गई 1,800 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता में ‘घपले’ की जांच की मांग की

Kangana Ranaut demands investigation into 'scam' in central assistance of Rs 1,800 crore given last year

शिमला, 7 अगस्त मंडी की सांसद कंगना रनौत ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल राज्य को दी गई 1,800 करोड़ रुपये की सहायता के कथित दुरुपयोग की विशेष जांच की मांग की।

कंगना ने आरोप लगाया कि राहत वितरण में भ्रष्टाचार हुआ है और लोग केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई धनराशि में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने सुखू सिंह सुखू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना की और कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई 7 लाख रुपये की सहायता राशि बाढ़ पीड़ितों के परिवारों को देने में कथित रूप से विफल रही है।

उन्होंने शिमला जिले के रामपुर के पास समेज गांव में बादल फटने से हुए नुकसान के पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बादल फटने से प्रभावित ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री पिछले साल की तरह हिमाचल के लिए 1,800 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज घोषित करेंगे।

कंगना ने आरोप लगाया, ‘‘राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा के प्रति बिल्कुल भी चिंतित नहीं है, जिन्हें अपने गांव में खुद ही पुल का निर्माण करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि किसी अन्य राज्य को इस तरह की केंद्रीय मदद नहीं मिली है और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिमाचल के लिए पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन कुछ अन्य राज्यों ने इस पर आपत्ति जताई थी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराएगी और स्थानीय लोगों के साथ विचार-विमर्श करके योजनाएं लागू करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल को धन मुहैया करा रही है, लेकिन राज्य सरकार, जो योजनाओं को क्रियान्वित और क्रियान्वित करती है, उन्हें पूरा करने में विफल रही है।

प्रभावित ग्रामीणों की भूमि को हुए नुकसान के मद्देनजर उन्हें भूमि उपलब्ध कराने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार को लेना है। उन्होंने माना कि स्थानीय लोग अपने पैतृक गांव समेज में ही रहना चाहते हैं और कहीं और नहीं जाना चाहते

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