हिमाचल सरकार ने सभी नए सरकारी कर्मचारियों से यह शपथपत्र लेने का निर्णय लिया है कि वे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे से जुड़ी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल राज्य में पुलिस भर्ती में ‘चिट्टा’ के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया था।
पुलिस, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दीं। बताया गया कि राज्य में एनडीपीएस के मामले कुल मामलों का 9% हैं, जो पंजाब के 20% से काफ़ी कम है। साथ ही, कांग्रेस सरकार बनने के बाद से 45 मामले दर्ज किए गए हैं और 42.22 करोड़ रुपये की संपत्ति ज़ब्त की गई है।
स्वास्थ्य विभाग को जागरूकता सृजन, उपचार, परामर्श, अनुवर्ती कार्रवाई और व्यक्तियों के पुनर्वास के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
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