हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) की कांगड़ा जिले में स्थित प्रमुख संपत्ति होटल धौलाधार में गुरुवार रात करीब 8 बजे भीषण आग लग गई, जिससे रसोईघर और आसपास के क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचा। आग कथित तौर पर रसोईघर में लगी थी, जो तेजी से लकड़ी के रेस्तरां और सम्मेलन हॉल तक फैल गई, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
अग्निशमन कर्मियों और आपातकालीन प्रत्युत्तरदाताओं ने आग पर नियंत्रण पाने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक संघर्ष किया। अधिकारियों ने कहा कि होटल के कर्मचारियों और जल शक्ति विभाग के कर्मियों की त्वरित कार्रवाई ने आग पर काबू पाने और बड़ी आपदा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एडीएम शिल्पी बेक्टा के नेतृत्व में वरिष्ठ जिला अधिकारी बचाव और नियंत्रण प्रयासों की निगरानी के लिए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे।
अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती धर्मशाला में चल रहे विधानसभा सत्र के लिए होटल में ठहरे सरकारी अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकालना था। एहतियात के तौर पर सभी 27 कमरे खाली करा दिए गए और किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
आंतरिक सूत्रों से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग स्टोव बर्नर की खराबी के कारण लगी होगी, हालाँकि औपचारिक जाँच चल रही है। अनुमानित नुकसान लगभग ₹1 करोड़ आंका गया है, जिसमें रसोई, स्टोर एरिया, उपकरण और साइड लाउंज को ज़्यादा नुकसान पहुँचा है।
कांगड़ा शहर के मध्य में स्थित होटल धौलाधार, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की प्रमुख पर्यटन संपत्तियों में से एक है। प्रबंध निदेशक डॉ. राजीव कुमार (आईएएस) ने कहा कि निगम इस संपत्ति को जल्द से जल्द बहाल करने और फिर से खोलने के लिए प्रतिबद्ध है।

